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कोरोना वायरस: 50 फीसदी मरीजों की जान बचा रहा कंवलसेंट प्लाज्मा  थैरेपी

  • 24 Aug 2020

वॉशिंगटन। कोरोना वायरस से जूझ रहे मरीजों के लिए एक अच्‍छी खबर है। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने कंवलसेंट प्लाज्मा  तकनीक से इलाज को मंजूरी दी है। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि इस कंवलसेंट प्लाज्मा इलाज के जरिए 30 से 50 फीसदी मरीजों की जान बचाई जा सकेगी। आइए जानते हैं क्‍या है यह तकनीक और पूरा मामला...
क्या होता है कंवलेसंट प्लाज्मा थैरेपी
जब कोई वायरस किसी इंसान पर हमला करता है तो उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज कहे जाने वाले प्रोटीन विकसित करती है। अगर वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के ब्लड में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित होता है तो वह वायरस की वजह से होने वाली बीमारियों से ठीक हो सकता है। प्लाज्मा थैरेपी को Passive immunity भी कहा जाता हैं। इसका मतलब होता है कि इम्युनोग्लोबुलिन जो किसी और के शरीर में पर्याप्त मात्रा में होता है और वो रोगी के शरीर में जाकर रोग से लड़ने में मदद करता है।
कंवलेसंट प्लाज्मा थेरेपी के पीछे विचार यह है कि इस तरह की रोग प्रतिरोधक क्षमता ब्लड प्लाज्मा थेरेपी के जरिए एक स्वस्थ व्यक्ति से बीमार व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर की जा सकती है। कंवलेसंट प्लाज्मा का मतलब कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति से लिए गए ब्लड के एक अवयव से है। प्लाज्मा थेरेपी में बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉडीज से युक्त ब्लड का इस्तेमाल बीमार लोगों को ठीक करने में किया जाता है।
credit- navbharat times