तीसरी लहर में अस्पतालों में कोरोना के साथ दिमाग की नसों संबंधी मामले ज्यादा
इंदौर। कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण का ट्रेंड भले ही एसिम्प्टोमैटिक हो, लेकिन तेजी से हो रही मौतों से चिंता बढ़ती जा रही है। 24 घंटे में कोरोना पॉजिटिव 6 लोगों की मौत हो गई। इस बार तीसरी लहर में लंग्स के बाद ब्रेन अटैक के मामले बढ़े हैं। यानी दिमाग की नसों संबंधी पेशेंट्स तेजी से कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। पांच न्यूरो पेशेंट्स की मौत भी हो चुकी है। सरकारी अस्पतालों में भले ही ऐसे पेशेंट्स कम एडमिट हो रहे, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में इनकी संख्या ज्यादा है। अरबिंदो अस्पताल में कोरोना के 50 पेशेंट्स में से 20 पेशेंट्स तो दिमाग की नसों संबंधी हैं। एक्सपर्टस की इसमें अलग-अलग राय है।
बिहार के अस्पतालों में कोरोना से ठीक हुए मामलों में ब्रेन स्ट्रोक के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। इसे लेकर इंदौर में ऐसे मामलों की स्थिति जानी गई तो पता चला कि तीसरी लहर में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। अरबिंदो अस्पताल के सीनियर डॉ. रवि डोसी के मुताबिक तीसरी लहर में नसों संबंधी विकार के मामले बहुत आए हैं। इसमें क्लॉटिंग होना, नस फटना, लकवा होना आदि हैं। ब्रेन स्ट्रोक के काफी पेशेंट्स को कोरोना हुआ है। अभी न्यूरो संबंधी पेशेंट्स ज्यादा आ रहे हैं। 100 में से 50 मामले न्यूरो संबंधी आ रहे हैं। ये लोग वे हैं, जिन्हें हाल ही में न्यूरो संबंधी प्रॉब्ल्मस हुई हैं। इसमें 16 वर्ष से लेकर 85 वर्ष तक हैं। इन लोगों को साथ में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज थी व न्यूरो के तहत नस फटना है। ऐसे कई मामले देखने में आए हैं। कोरोना के कारण इन्हें ब्रेन स्टोक आया है ऐसा नहीं है, लेकिन दोनों का संबंध जरूर देखा गया है। इस बार न्यूरो वालों में कोविड पॉजिटिव ज्यादा देखा गया है। वर्तमान में करीब 50 कोविड पॉजिटिव पेशेटंस एडमिट हैं उन्हें 20 से ज्यादा तो न्यूरो के हैं।
न्यूरो पेशेंट्स इन बातों का रखें ध्यान
ब्लड प्रेशर व शुगर का उचित इलाज कराएं तथा इन्हें नियंत्रित रखें। ये दोनों ही खास कारण हैं जिससे दिमाग की नसें फटती हैं। न्यूरो पेशेंट्स अपनी दवाइयां नियमित लें और गेप न रखें। आनुवांशिक केस कम देखने में आते हैं और अभी तीसरी लहर में ऐसा केस देखने में नहीं आया है।
इंदौर
कोविड में लंग्स के बाद अब ब्रेन अटैक
- 31 Jan 2022