हाईटेक जालसाज अनेक लोगों को बना रहे शिकार, पुलिस भी नहीं पकड़ पाती
इंदौर। बदलते समय के साथ-साथ ठगी का तरीका भी बदला है। पहले जहां जमीनों की धोखाधड़ी के मामले अधिक संख्या में सामने आते थे, वहीं अब हाईटेक जालसाज विभिन्न तकनीक का उपयोग कर लोगों के साथ ठगी करते हुए उनकी जमा पूंजी पर हाथ साफ कर रहे हैं। इन दिनों देखने में आ रहा है कि बैंक के खाताधारकों व फायनेंस कंपनियों के ग्राहकों को केवायसी अपडेट करने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले बढ़े हैं। क्राइम ब्रांच की सायबर हेल्पलाइन में लगभग हर दिन इस तरह की ठगी की शिकायतें पहुंच रही है। वहीं ऑनलाइन ठगी के आरोपी पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं, क्योंकि पुलिस लाख प्रयास करने के बावजूद ऐसे आरोपियों को पकड़ नहीं पा रही है।
इसका उठा रहे फायदा
दरअसल नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत में बैंक व अन्य फाइनेंस एजेंसियों ने अपने ग्राहकों के केवायसी अपडेट कराए जाते हैं। बैंक केवायसी अपडेट करने के लिए ग्राहकों को संपर्क करती है। इसका फायदा उठाकर जालसाजों द्वारा बैंक व एजेंसियों के नाम से लोगों को मैैसेज भेज रिमोट एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर ठगा जा रहा है। आमतौर पर देखने में आता है कि वित्तीय वर्ष के शुरूआती माह यानि अप्रैल के महिने में बैंक व अन्य फायनेंस एजेंसी फाइनेंस एजेंसी ग्राहकों के केवायसी अपडेट के लिए ग्राहकों से संपर्क करते हैं। इस कारण से ही कई लोग बैंक का मैसेज समझकर सायबर अपराधियों के झांसे में आ जाते है।
इस साल अब तक दो हजार शिकायतें
क्राइम ब्रांच सायबर हेल्पलाइन शुरू की गई, जिसमें समय पर ऑनलाइन ठगी की शिकायत करने पर अनेक लोगों को उनके साथ हुई ठगी में रुपए वापस भी मिल चुके हैं। 2022 में क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन पर 23 अप्रैल तक आ चुकी 2000 शिकायतें दर्ज हो चुकी है। देखने में आया है कि हर दिन केवायसी अपडेट के नाम ठगी की 10 शिकायतें पहुंची हैं।
बिजली बिल के नाम पर ठगी से बचने को एडवाइजरी जारी
आन लाइन फ्राड के मामले में अब धोखेबाजों ने बिजली बिल के बहाने सायबर क्राइम का तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। स्टेट सायबर सेल ने एडवाइजरी जारी कर ऐसे मामलों में अलर्ट रहने की अपील की है। स्टेट सायबर सेल जोन इंदौर के संज्ञान में आया है कि इंदौर निवासियों को आजकल जालसाज द्वारा अज्ञात मोबाइल नंबर से पिछले माह के भरे हुए बिजली बिल को सिस्टम में अपडेट नहीं होने का बताकर चालू माह में बिजली कनेक्शन को डिस्कनेक्ट किए जाने का बता कर टेक्स्ट मैसेज किये जा रहे है तथा मैसेज में इलेक्ट्रिसिटी ऑफिसर का मोबाइल नंबर दिया जाकर उस पर संपर्क किए जाने का मैसेज लिखा होता है। ट्रू कॉलर पर वह नंबर सर्च किये जाने पर इलेक्ट्रिसिटी/इलेक्ट्रॉनिक ऑफिसर लिखा हुआ आता है। उस नंबर पर कॉल करने पर कॉलर अपने आप को बिजली विभाग का अधिकारी बता कर बिजली बिल को सिस्टम में अपडेट करने के नाम पर प्लेस्टोर से एनिडेस्क एप्पलिकेशन डाउन करने का बोलकर उसके नोटिफिकेशन को एक्सेस करने की अनुमति प्राप्त करने का बोलकर आपके मोबाइल फोन की स्क्रिन शेयर करने की कोशिश करता है। ताकि जालसाज द्वारा जब आपके बैंक खाते / पैमेंटगेटवे से ऑनलाइन ट्रांसफर करने की कोशिश की जाती है तो आपके मोबाइल नंबर आये हुए ओटीपी को देखकर रुपए आपकी बिना अनुमति के आपके खाते से रुपए ट्रांसफर कर सकें। जांच में पता चला है कि मोबाइल नंबर महाराष्ट्र के होकर लोकेशन झारखण्ड में मिली है। किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर मोबाइल फोन में एनिडेस्क एप्पलीकेशन डाउनलोड न करें। अज्ञात मोबाइल नंबर से आये हुए टेक्स्ट / व्हाट्सएप मैसेज पर विश्वास न करें। टू कॉलर पर मोबाइल नंबर सर्च करने पर आये हुए मोबाइल कॉलर के नाम पर विश्वास न करें। किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर मोबाइल पर किसी भी प्रकार का ओटीपी शेयर न करें । ऑनलाइन किसी भी कंपनी / बैंक की वेबसाइट ओपन करते समय सुनिश्चित कर लें कि वैबसाइट एचटीटीपीएस से शुरू ओपन हो रही है।
इंदौर
केवायसी अपडेट करने के नाम पर ... बढ़ गई ऑनलाइन धोखाधड़ी
- 28 Apr 2022