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भोपाल

कृषि मंत्री बोले-ऐसी फसल उगाई क्यों, जिसके रेट कम मिले

  • 09 Sep 2022

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार को कृषि के क्षेत्र में कई बार केंद्र सरकार से कृषि कर्मण पुरस्कार मिल चुका है, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। इस बार प्रदेश में लहसुन की बम्पर पैदावार हुई है, पर किसानों को उचित भाव नहीं मिल रहे। हालात ये हैं कि लगातार घाटे के चलते किसान लहसुन की फसल को बोरों में भरकर नदी-नालों में फेंक रहे हैं। लहसुन के सही दाम न मिलने से परेशान धार जिले के सुनील पाटीदार नाम के किसान ने कृषि मंत्री कमल पटेल को फोन कर दिया। किसान ने मंत्री को अपनी मजबूरी बताई, तो मंत्री ने भी अपनी बेबसी बता दी। हालांकि कमल पटेल ने उन्हें आश्वासन भी दिया। इस बातचीत का ऑडियो सामने आया है।
मंत्री ने कहा था- एक साथ किसान मंडी पहुंचे, इसलिए कम मिल रहे रेट
खंडवा में किसान मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा था कि लहसुन के रेट कम हैं। फसल जब आती है, तो किसान एक साथ उसे मंडी ले जाता है रोकता नहीं है। व्यापारी हैं 100, उनकी क्षमता है एक हजार क्विंटल की। माल पहुंच जाता है दो हजार क्विंटल, तो व्यापारी क्यों बोली लगाएंगे? इसलिए दो महीने रेट कम रहते हैं उसके बाद किसान के पास से माल बड़े व्यापारी के पास स्टोरेज हो जाता है, तो वे 10 गुना कमाते हैं। हम ये कर रहे हैं कि किसानों के पास माल स्टोरेज करने की क्षमता हो। उसके लिए पैक हाउस, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरज, फ्रीजर देने का काम एक लाख करोड़ रुपए के कृषि अधोसंरचना विकास फंड से दिलाएंगे। इसमें ब्याज में 3 प्रतिशत की छूट है। 40-50त्न सब्सिडी है। इसका फायदा किसानों को दिलाएंगे, ताकि किसान एक साथ मंडी में न जाएं। जब मांग बढ़ेगी तो रेट बढ़ेंगे।