इंदौर। इंदौर-बुधनी रेल लाइन और पश्चिमी रिंग रोड के लिए अधिकृत की जाने वाली किसानों की उपजाऊ जमीन को लेकर विरोध तीन माह से जारी है। इंदौर से शुरू हुआ विरोध देवास होते हुए बुधनी तक पहुंच चुका है। धरना प्रदर्शन के साथ ही किसान सांसदों और मुख्यमंत्री तक ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसके बाद भी अब तक कहीं भी किसानों की सुनवाई नहीं हुई है। किसान जमीन अधिग्रहण के बदले वर्तमान बाजार भाव के दोगुना मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं, जबकि शासन द्वारा दो साल पहले की गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है।
इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन और आउटर रिंग रोड इंदौर, इंदौर-बैतूल एक्सप्रेस-वे एवं पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रभावित किसान नसरुल्लागंज में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे। वहीं इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन जमीन अधिग्रहण के विरोध में कन्नौद क्षेत्र के किसान विजयपुर महादेव मंदिर से बाइक रैली निकालेंगे। दोनों कार्यक्रमों में इंदौर जिले के हजारों किसान शामिल होंगे।
पूर्व जनपद सदस्य एवं किसान नेता हंसराज मंडलोई एवं बुधनी विधानसभा क्षेत्र के किसान नेता सूरत सिंह मकवाना ने बताया कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के ग्राम नसरुल्लागंज में अपनी मांगों को लेकर दो दिन धरना देंगे और ज्ञापन सौंपेंगे।
हम पीछे नहीं हटेंगे
किसान नेता पंडित संतोष शर्मा, अभिषेक पंचोली सहित सभी किसान नेताओं ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगों का निराकरण नहीं होता तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। हम दिल्ली की तर्ज पर आंदोलन चलाएंगे। इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन का फिर से सर्वे करवाया जाए, उसे सरकारी एवं वन भूमि में से निकाला जाए। बाजार मूल्य से दो गुना हमें मुआवजा दिया जाए।
इंदौर
किसान कर रहे जमीन अधिग्रहण का विरोध, फिर भी सुनवाई नहीं
- 27 Feb 2024