इंदौर। शहर में फिलहाल बारिश की आमद नहीं हुई है जिससे किसी प्रकार का खतरा हो लेकिन खतरनाक मकानों पर होने वाली कार्रवाई भी भी ठंडे बस्ते में जाकर किसी बड़ी दुर्घटना को न्यौता दे रही है। निगम आयुक्त ने जून में ही खतरनाक मकानों की सूची बनाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब तक इसकी कोई भी कार्रवाई धरातल पर नहीं दिख रही है जिससे फिर इनके कारण खतरा मंडराने लगा है। बारिश के पहले इन मकानों पर कार्रवाई हो जाती है लेकिन पानी नहीं गिरने से निगम को इसकी चिंता नहीं हो रही है। अब तक बनी सूची के हिसाब से शहर में ऐसे 164 मकान हैंं, जिन्हें खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। हालाकि पिछले दिनों निगम ने एक दिन कार्रवाई की लेकिन इसके बाद सोमवार तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नगर निगम ने खतरनाक और अतिखतरनाक श्रेणी के मकानों पर कार्रवाई का अभियान एक दिन चलाकर रोक दिया है। शहर में गुरुवार को एक साथ चार जर्जर मकान हटाए गए थे और तब से सोमवार तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि आला स्तर पर अगली कार्रवाई को लेकर कोई दिशानिर्देश नहीं होने से मुहिम थमा हुई है। निगम ने पिछले महीने सर्वे कर शहर के 164 छांटे थे, जो अतिखतरनाक और खतरनाक श्रेणी के हैं। इनमें से इस साल अब तक चार ही मकान हटाए जा सके हैं। चारों ही मकान खाली थे, इसलिए निगम ने एक ही दिन में कार्रवाई कर दी। मकान सिलावटपुरा, पारसी मोहल्ला और लोहारपट्टी क्षेत्रों में थे। निगम द्वारा चुने गए ज्यादातर जर्जर मकान मध्य क्षेत्र में हैं, क्योंकि यह इलाका पुरानी बसाहट वाला है। बिल्डिंग परमिशन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई के लिए जिला और पुलिस प्रशासन से समन्वय करना पड़ता है।
इंदौर
खतरनाक मकानों पर अब तक बड़ा अभियान नहीं, निगम ने एक दिन कार्रवाई कर पूरा किया फर्ज
- 20 Jul 2021