57 में से 48 देरी से आईं, शताब्दी-भोपाल एक्सप्रेस री-शेड्यूल
भोपाल। पिछले करीब 10 दिनों से रेल यात्री हैरान-परेशान हैं। दिल्ली और उत्तर भारत में मौसम की खराबी और कोहरे के चलते ट्रेनों की लेटलतीफी लगातार बढ़ रही है। रविवार को तो दिल्ली तरफ से आने वाली करीब 85 फीसदी ट्रेनें देरी से चल रही थीं और इसी देरी से देर शाम तक भोपाल पहुंचीं।
संख्या के हिसाब से देखें, तो उस तरफ से आने वाली 57 में से 48 ट्रेनें देरी से चलीं। इनमें 35 ट्रेनें औसतन 12 से 15 घंटे की देरी से रहीं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि अब रैक न पहुंचने के कारण इन्हें री-शेड्यूल करना पड़ रहा है। साथ ही वापसी का सफर भी खासा कठिन होने लगा है।
नई दिल्ली-आरकेएमपी शताब्दी एक्सप्रेस और हजरत निजामुद्दीन-आरकेएमपी शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस को लगातार तीसरी बार री-शेड्यूल किया गया। इसका मुख्य कारण इन दोनों ही ट्रेनों की पिछले कुछ दिनों से औसतन लेटलतीफी 5 घंटे से ज्यादा होना है। इसके अलावा जबलपुर-नई दिल्ली श्रीधाम एक्सप्रेस को भी दो दिन से री-शेड्यूल किया जा रहा है।
रविवार को मप्र संपर्क क्रांति को री-शेड्यूल कर रवाना किया। सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया का कहना है कि कोहरा काफी घना है, इसलिए उसका खासा असर ट्रेनों के आवागमन पर पड़ रहा है। रेल प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए भोपाल-आरकेएमपी सहित 11 स्टेशनों पर कोहरे के कारण लेट हो रही ट्रेनों की जानकारी देने काउंटर शुरू किए हैं।
लिंक ट्रेन भी 5 घंटे से ज्यादा लेट, इससे भी हो रही मुश्किल
ट्रेनों की लेटलतीफी का असर यह भी हो रहा है कि एक स्टेशन से दूसरे के लिए लिंक ट्रेनें भी 5 घंटे से ज्यादा की देरी से आ रही हैं। इस वजह से उनसे सफर करने वाले यात्रियों को रात-बेरात रेलवे स्टेशनों पर परेशान होना पड़ रहा है।
भोपाल
खराब मौसम और कोहरा बना मुसीबत:85% ट्रेनें लेट
- 02 Jan 2024