सहरसा। कोसी की धरती अपने गर्भ में पौराणिक कथाओं को अपने अंदर समेटे हुए हैं। जिसके अनगिनत सबूत मिल चुके हैं। जिसमें साबित होता है कि कोसी का इतिहास कितना समृद्ध और पौराणिक रहा होगा। रविवार की सुबह 9:00 बजे सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन से 13 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध ऐतिहासिक मटेश्वर धाम काठो बलवाहाट मंदिर के बगल में खुदाई के दौरान भगवान सूर्य की मूर्ति मिली है।
मूर्ति मिलते हैं पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। वही मटेश्वर धाम परिसर में खुदाई में निकली मूर्ति को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है। महिलाएं भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने के लिए उमड़ पड़ी है। मालूम हो कि प्रसिद्ध ऐतिहासिक पौराणिक टीले पर अवस्थित मटेश्वर धाम मंदिर का नव निर्माण कार्य चल रहा है। रविवार को पीलर बनाने हेतु खुदाई के क्रम में मजदूरों को लगभग 5 फीट नीचे खुदाई के दौरान काले पत्थर से निर्मित भगवान सूर्य की चमकती हुई तरासी प्रतिमा मिली है। जिसकी लंबाई 30 इंच एवं चौड़ाई 14 इंच बताई जाती है। संशय बना बिष्णु या सूर्य की प्रतिमा: रविवार की सुबह मंदिर परिसर का मिट्टी हटाने का कार्य कर रहे मजदूरों को मूर्ति मिली है। लगभग 5 फीट गड्ढे में यह मूर्ति पड़ी हुई थी। जैसे ही मूर्ति मिलने की बात सामने आई जंगल की आग की तरह चारों तरफ फैल गई। वहां के स्थानीय निवासियों ने इसे पहले विष्णु भगवान की प्रतिमा बता रहे थे।
लेकिन दोपहर बाद आकलन के अनुसार सूर्य की प्रतिमा बताई जा रही है। यह 5 वीं या छठी शताब्दी की बताई जा रही है। क्योंकि मंदिर भी इसी शताब्दी के लगभग के हैं। अब यह पुरातत्व विभाग के लिए जांच का विषय है की प्रतिमा किस भगवान की है एवं कितनी पुरानी है। फिलहाल यह प्रतिमा कुतूहल का विषय बना हुआ है।
पूर्व में मिल चुकी है, शनि देवता की प्रतिमा: वर्ष 2007 में इसी मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान शनि देवता की प्रतिमा मिली थी। शनि देवता की मूर्ति पुरातत्व विभाग एवं धर्म विशेषज्ञों के अनुसार शनि की ऐसी मूर्ति देश में अन्यत्र कहीं नहीं देखी गई है। वही मटेश्वर धाम काठो परिसर में समय-समय पर खुदाई के दौरान बड़े-बड़े पत्थर के शिलापट्ट के दीवार, एवं कलात्मक पत्थर मिलते रहे हैं।
सहरसा
खुदाई में मिली 5वीं या छठी सदी ईसवी की प्रतिमा
- 21 Jul 2021