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खाद के लिए लाइन में लगीं बेटिया, कहा-फसल की चिंता में स्कूल-कॉलेज नहीं जा पा रहे

  • 11 Dec 2023

छतरपुर। दो बोरी खाद के लिए कई दिनों से लाइन में लगना पड़ रहा है, ये कैसी व्यवस्था है... गुस्से में यह बात गोरीबाई अहिरवार ने कही। वे खाद के लिए पिछले 8 दिन से 20 किमी दूर गढ़ीमलहरा से छतरपुर आ रही हैं। बेटी संतोषी भी कॉलेज जाना छोड़कर सुबह से शाम तक मां के साथ लाइन में खड़ी हो रही है। गोरीबाई कहती हैं- सीएम ने हमें लाड़ली बहन तो बना लिया लेकिन उनकी लाड़ली बहनें इस कदर परेशान हैं, इसका अंदाजा शायद उनको नहीं है। हमारी परेशानी कोई नहीं सुन रहा है।
मध्यप्रदेश के कई जिलों में इन दिनों खाद के लिए लंबी कतारें नजर आ रही हैं। किसान और उनके परिवार का पूरा दिन खाद वितरण केंद्रों के बाहर लाइन में लगकर बीत रहा है। महिलाएं घर का काम तो स्टूडेंट अपनी पढ़ाई छोड़कर खाद के लिए कई मील चलकर लाइनों में लग रहे हैं।
सुबह लाइन में लगकर शाम को खाली हाथ लौट रहे
छतरपुर स्थित टढ एग्रो खाद वितरण केंद्र बंद होने की जानकारी मिलने पर शनिवार सुबह करीब 10 बजे हमारी टीम यहां पहुंची। केंद्र पर किसान, महिलाएं और लड़के-लड़की नजर आए। खाद के लिए खड़ी एक महिला से बात की तो उन्होंने अपना नाम गोरीबाई अहिरवार बताया। गोरीबाई ने कहा- 20 किलोमीटर का सफर तय कर बेटी संतोषी अहिरवार के साथ खाद लेने आई हूं। मां आगे कुछ कहती, इससे पहले बेटी संतोषी बोल पड़ी। कहा- मैं बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा हूं। इस समय फसलों की खाद को बहुत जरूरत है, इसलिए पिछले 8 दिनों से कॉलेज जाना छोड़कर मां के साथ सुबह 8 बजे खाद लेने छतरपुर आ जाती हूं। शाम को बैरंग लौट रही हूं। आज भी सुबह मां के साथ खाद लेने आई लेकिन साढ़े 11 बजे तक केंद्र पर ताला लटका रहा। दोपहर में व्यक्ति आया और उसने बताया कि खाद नहीं है, इसलिए आज सेंटर खुला ही नहीं है।
समय पर खाद नहीं मिली तो पूरी फसल खराब हो जाएगी
संतोषी का कहना है- न पढ़ाई कर पा रही हूं, न खाद मिल पा रही है। रोज-रोज की परेशानी को बताने के लिए कलेक्टर संदीप जीआर और अऊट नम: शिवाय अरजरिया को भी फोन लगाया था। कलेक्टर से कहा, ह्यसर, मैं अपना कॉलेज और पढ़ाई छोड़कर छतरपुर खाद लेने आ रही हूं, मेरी समस्या का समाधान करें।ह्ण उन्होंने कहा- दिखवाते हैं।
संतोषी का कहना है कि अगर समय पर खाद नहीं मिली तो पूरी फसल खराब हो जाएगी। हमारे सामने गुजर-बसर की समस्या खड़ी हो जाएगी।
मां गोरीबाई का कहना है कि घर का काम छोड़कर खाद के लिए लाइन में लगते हैं। एक व्यक्ति को 2 बोरी खाद मिलती है, इसलिए बेटी को साथ लेकर आती हूं। इस प्रकार से हमें चार बोरी खाद मिल जाएगी। हमारे पास 20 एकड़ खेती है और दो बोरी खाद दे रहे हैं। इतने में क्या होगा?