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जबलपुर

गार्ड के कातिलों का कबूलनामा- पिता ने दूसरी शादी कर घर से निकाला, रातोंरात बनना चाहते थे अमीर, हमने लूट और हत्या का ऑप्शन चुना

  • 24 Feb 2022

जबलपुर। जबलपुर में बैंक कैश वैन के गार्ड की हत्या कर 33 लाख रुपए लूट की वारदात को दो भाइयों ने अंजाम दिया था। पुलिस ने दोनों भाइयों को उत्तरप्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किया है। आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोपियों ने कहा कि पिता ने दूसरी शादी करने के बाद घर से निकाल दिया था। हमारे पास दो ही रास्ते थे या तो किसी को लूटकर मार देते या फिर खुद मर जाते। हमने लूट और हत्या का ऑप्शन चुना। आरोपियों के नाम मनोज कुमार पाल (28) पुत्र श्यामलाल पाल निवासी वाराणसी, सुनील कुमार पाल (26) पुत्र श्यामलाल पाल हैं। पुलिस ने आरोपियों को 28 फरवरी तक रिमांड पर लिया है।
पुलिस के मुताबिक नवंबर 2021 में दोनों लूट के इरादे से गुजरात से जबलपुर आ गए थे। ढाई महीने तक इसकी तैयारी की। इंटरनेट पर बैंक लूट के कई वीडियो देखे। गुजरात में प्राइवेट जॉब कर रहे थे। कोरोना के कारण जॉब छूट गई। जबलपुर के कैंट क्षेत्र में रिटायर्ड जेल अफसर के यहां 3500 रुपए प्रति महीने के हिसाब से किराये पर कमरा लिया।
एक चूक और पकड़े गए आरोपी
आरोपियों की बाइक का नंबर वारदात के समय दिखाई दे गया था। इसी आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। ये बाइक पिछले कई दिनों से इलाके में देखी जा रही थी। आरोपियों ने दो बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन किए थे। इस आधार पर मोबाइल नंबर हासिल कर लिए। सोशल मीडिया अकाउंट भी मिल गए। इसके बाद वाराणसी के लिए टीम भेजी।
खेत में छिपाए रुपए, घर पर पता तक नहीं था
वारदात के बाद जबलपुर से 400 किमी दूर बाइक से ही गए थे। इतने दिनों तक शहर में घूमने के लिए बाइक पर गलत नंबर प्लेट लगा ली थी। वाराणसी में आरोपियों का घर एक खेत में बना है। यहां खेत में 33 लाख रुपए छिपा दिया थे। घरवालों को वारदात के बारे में नहीं पता था। पुलिस जब मंगलवार को यहां पहुंची, तब उन्हें पता चला। पुलिस ने लूटे गए रुपए भी बरामद कर लिए हैं। इनके पास से पिस्टल भी मिली है।
ढाई महीने से कर रहे थे रेकी
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जबलपुर आने के बाद उन्होंने रेकी शुरू कर दी। यहां से पेंटी नाका के पास एक मैदान से बाइक से रोजाना पीछा करते थे। बैंक के आसपास के इलाके की भी रेकी की। इसके बाद वारदात का दिन और समय चुना। इसके बाद करीब 27 हजार रुपए में उत्तरप्रदेश से पिस्टल और 18 राउंड गोलियां खरीदी। आठ दिन पहले डुमना के जंगलों में पिस्टल से फायर कर ट्रायल भी किया था।
झाडिय़ों में छिपाई कैश पेटी और रुपए निकाले
वारदात के बाद आरोपियों ने लूटी हुई कैश पेटी को मंडला बायपास में चूल्हा गोलाई रोड पर झाडिय़ों में छिपा दिया था। वारदात के पहले आरोपियों ने बाइक को एक अपार्टमेंट की पार्किंग में खड़ा कर दिया था। आरोपियों ने सैलून पर कटिंग कराई थी। वारदात वाले दिन ऑटो से अपार्टमेंट तक गए। यहां से बाइक ली और सीधे वारदात को अंजाम देने निकल पड़े।
आर्मी स्कूल में पढ़े हैं दोनों आरोपी
आरोपी तीन भाई हैं। माता-पिता गांव में रहते हैं। बचपन में पिता से दोनों को चाचा ने गोद ले लिया था। चूंकि चाचा आर्मी में थे। उनकी पोस्टिंग जबलपुर में रही थी। इसलिए यहीं दोनों की शिक्षा आर्मी स्कूल में हुई थी। आर्मी स्कूल में ही उन्होंने हथियारों के बारे जानकारी ली थी। यहीं पिस्टल चलाना सीखा। लंबे समय तक रहने के कारण इलाके से भी वे परिचित थे। मनोज कुमार बीए और सुनील कुमार 12वीं पास है। 2016 में चाचा ने दूसरी शादी कर ली थी। इसके बाद उन्हें घर से निकाल दिया। वह अपने असल माता-पिता के पास लौट गए। उन्होंने ये कहकर रखने से मना कर दिया कि शुरू से चाचा ने रखा, तो उनके पास ही जाओ। फिर भी उन्होंने दो बीघा जमीन दे दी। इसके बाद चाचा ने कोर्ट में केस कर दिया। जो थोड़े बहुत पैसे थे, वह केस में खर्च हो गए।
रातों-रात बनना चाहते थे अमीर
आरोपियों ने 2017 में पारिवारिक विवाद व आर्थिक तंगी के कारण जबलपुर छोड़ दिया। गुजरात में काम करने लगे। यहां काम करते हुए रातों-रात पैसा कमाने और आर्थिक तंगी दूर करने के लिए बैंक-एटीएम लूटने का प्लान बनाया। आरोपी बोले कि उन्हें इसका पछतावा है। वह हत्या करना नहीं चाहते थे। माफी भी मांगते हैं।
यह है मामला
11 फरवरी 2022 को जबलपुर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र तिलरी एटीएम के पास दिनदहाड़े गार्ड की हत्या कर ्रञ्जरू कैश वैन से रुपए लूट लिए। बदमाशों ने कैश वैन के ड्राइवर और 3 गार्डों को गोली मारी, फिर रुपए से भरा बक्सा लेकर फरार हो गए। वारदात में एक गार्ड की मौत हो गई। बाकी तीनों घायल हुए थे। वारदात बैंक के बाहर लगे ष्टष्टञ्जङ्क में रिकॉर्ड हो गई। वारदात में गार्ड राजबहादुर पटेल की मौत हो गई थी, जबकि राजबहादुर सिंह, श्रीयांश ताम्रकार और ड्राइवर अभिषेक यादव घायल हो गए।