(जन्म- 27 दिसम्बर, 1797 ई. आगरा; निधन- 15 फ़रवरी, 1869 ई. दिल्ली) जिन्हें सारी दुनिया 'मिर्ज़ा ग़ालिब' के नाम से जानती है, उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि थे। इनकी हालत बहुत दयनीय थी। आर्थिक तंगी ने कभी भी इनका पीछा नहीं छोड़ा, क़र्ज़ में हमेशा घिरे रहे, लेकिन अपनी शानो-शौक़त में कभी कमी नहीं आने देते थे। इनके सात बच्चों में से एक भी जीवित नहीं रहा। जिस पेंशन के सहारे इन्हें व इनके घर को एक सहारा प्राप्त था, वह भी बन्द कर दी गई थी। ग़ालिब नवाबी ख़ानदान से ताल्लुक रखते थे और मुग़ल दरबार में उंचे ओहदे पर थे। ग़ालिब शिया मुसलमान थे, पर मज़हब की भावनाओं में बहुत उदार एवं मित्रपराण स्वतंत्र चेता थे। जो आदमी एक बार इनसे मिलता था, उसे सदा इनसे मिलने की इच्छा बनी रहती थी।
व्यक्तित्व विशेष
ग़ालिब अथवा मिर्ज़ा असदउल्ला बेग ख़ान
- 27 Dec 2021