जैसा कि हम सब जानते हैं, वर्तमान दोर नगर निकाय चुनाव का चल रहा है, इस दौर में सभी दलों ने अपनी अपनी ताकत लगाकर इस शहर के नेतृत्व के लिए जिम्मेदारी लेने का प्रयास किया है । मतदान निश्चित ही इस शहर के आने वाले कल का निर्धारण करेगा।
डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट द्वारा शहर के कुछ मतदाताओं से और अन्य वर्गों से भी संपर्क किया गया। वह शहर के लिए क्या सोचते हैं, इसी संदर्भ में इंदौर की गृहिणी मतदाता क्या कहती हैं ?
हमने सबसे पहले कविता लखनलाल ठाकुर जो कि वार्ड नंबर 21 से हैं, उनसे संपर्क किया उनका कहना था कि, शहर की महिलाओं को कोई सुविधा नहीं है, शहर का वातावरण बहुत खराब है। यहां स्वतंत्रता से चलना फिरना खतरों से खाली नहीं है । बाजार जाओ तो चैन स्नैचिंग, चेन खींचने वाले सक्रिय रहते हैं। पुलिस का डर भी नहीं है । राजवाड़ा और अन्य जगहों पर जाओ तो वहां पर भीड़ में पर्स चुराने वाले घूमते रहते हैं। उनसे डर डर कर रहना पड़ता है, घर वाले भी परेशान रहते हैं। चोरी करने वाले से सुरक्षा करना चाहिए । सरकार को निश्चित करना पड़ेगा ।
शोभना मालाकार का कहना था कि बाजार में ठेले वाले हर जगह खड़े रहते हैं । बाजार में कई बार भीड़ बढ़ जाती है। नई परिषद को उनसे छुटकारा दिलाना चाहिए। बाजार में जरा भी दूर जाओ तो 50 100 ठेले वाले बेतरतीब सड़कों पर खड़े रहते हैं। फिर वाहन वाले खड़े हो जाते हैं, फिर खरीदारी वाले खड़े हो जाते हैं, ऐसे में बाजार जाना बच्चों के साथ जाना और भी परेशानी का कारण बनता है । नई परिषद को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।
सविता मनोज पाटीदार का कहना था कि शहर में हो रहे अतिक्रमण को रोकना चाहिए। जगह-जगह अतिक्रमण से शहर के वाशिंदे परेशान हैं, नागरिक परेशान है, अफसर मस्ती में है, अतिक्रमण होता रहता हे तब तक अधिकारियों को नजर नहीं आता है । लेकिन जैसे ही माहौल बनकर तैयार होता है तो अफसरों को नेताओं को अतिक्रमण दिखाई देता है । फिर अतिक्रमण के नाम पर लेनदेन का काम चलता रहता है । कई दिनों तक यहीं रहता है। हमारा कहना है कि सरकार का डर नहीं है, तब तो अतिक्रमण होते ही रहेंगे। इसलिए सरकार का डर होना अनिवार्य है । स्थानीय सरकार जो बने उसको अतिक्रमण की ओर अवश्य ध्यान देना चाहिए।
बसों में सफर फ्री होना चाहिए , सोनाली यादव का यह कहना था नई परिषद बने तो दिल्ली की तरह यहां भी सिटी बसों में महिलाओं को टिकट फ्री करना चाहिए । जिससे अपराध होने में भी कमी आएगी, क्योंकि फिर महिलाएं सिटी बस में ही सफर करेंगे तो मैजिक वालों को ऑटो वालों को उनको ऑटो वालों के साथ सफर नहीं होगा। इस वजह से धोखाधड़ी और चोरी की घटनाएं जो होती है उन जैसे अपराधों पर रोक लग सकेगी। इसलिए दिल्ली की तरह इंदौर के सिटी बस में भी टिकट फ्री कर देना चाहिए।