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इंदौर

घटाए खाद्य तेलों और पेट्रोल-डीजल के दाम , फिर भी  वही हाल, बाजार में ग्राहकों को राहत नहीं

  • 27 May 2022

इंदौर। पेट्रोल-डीजल के दाम कम हुए तीन-चार दिन बीत चुके हैं। लेकिन बाजार में ग्राहकों को राहत नहीं मि रही है। दरअसल तेलों के दाम तो घट गए, लेकिन अन्य सामग्रियों के दामों में फिलहाल लोगों को राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है। इधर, पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने के बाद भी बस किराया व भाड़े में फिलहाल कोई कमी नहीं की गई है। लोगों की मांग है कि बस किराया तो कम होना चाहिए। इस संबंध में व्यापारियों का कहना है कि राहत मिलने में कुछ दिन लग जाते हैं, क्योंकि व्यापारियों के पास पहले के भाव से खरीदा सामान उपलब्ध रहता है। नए दाम के हिसाब से सामग्री बाद में बाजार पहुंच पाती है।
इस कारण आया था दामों में उछाल
तेजी से बढ़ती महंगाई के चलते खाद्य वस्तुओं (किराना सामान) के दामों में भी उछाल आया और इसके पीछे प्रमुख कारण बताया जा रहा था कि पेट्रोल-डीजल के दामों में जो बेतहाश वृद्धि हो रही है उसके चलते किराना सामान और अनाज भी महंगा हो रहा है। दरअसल महंगाई की मार के बीच केंद्र सरकार ने राहत देते हुए पेट्रोलियम पदार्थों में राहत दी। वही खाद्य तेलों में भी गिरावट का दौर व लेवाली कमजोर होने से मंदी की धारणा है, बावजूद उसके अधिकांश थोक व खेरची दुकानों से तेल के भाव में अब तक कमी नहीं की गई है, जबकि एक रुपए बढऩे पर भी तत्काल बढ़ोत्तरी कर उपभोक्ताओं को जरा भी राहत नही दी जाती है, लेकिन भाव कम होने पर बामुश्किल उचित दाम पर तेल मिलना चुनौती भरा है।
वसूल रहे ज्यादा कीमतें, मूल्य सूची गायब
देखा जाए तो जिले भर में किराना कारोबार बेलगाम चल रहा है। गली मोहल्लों के साथ ही कालोनियों में में हो रही मुनाफाखोरी से आम जनता परेशान है। सातों दिन देर रात तक खुलने वाले रिटेल स्टारों पर ज्यादा कीमतें वसूली जा रही हैं। बाजार में ज्यादातर प्रतिष्ठानों पर मूल्य सूची तक प्रदर्शित नहीं है। वहीं ज्यादातर रिटेल दुकानों पर मूल्य सूची नहीं है। ऊंची कीमतों पर दाल, आटा और अन्य खाद्य व किराना वस्तुएं खुले आम बिकती मिल जाएंगी लेकिन मूल्य सूची नदारद है।
तोड़ रहे हैं नियम
नियम है हर किराना व अन्य दुकानों पर आज के भाव की सूची फ्रंट पर ही चस्पा हो, लेकिन जिम्मेदार विभागों की अनदेखी के चलते अधिकांश दुकानों से आज के भाव की सूची नदारद सी है, लिहाजा लोगों को उचित मूल्य की जानकारी होने के बावजूद उस रेट पर मिलना मुश्किलों भरा है।
नहीं होती कार्रवाई
देखा गया है कि किराना व अन्य दुकानों पर सामान के भाव की सूची को लेकर कभी भी कार्रवाई नहीं की जाती है। नियम तो यह भी है कि खाद्य विभाग द्वारा इन दुकानों की जांच की जाकर कार्रवाई की जाए, लेकिन विभाग के अधिकारी इन दुकानों पर पहुंचते भी है तो सिर्फ खाद्य वस्तुओं के सेम्पल लिए जाते हैं और इन सेम्पलों की भी जांच रिपोर्ट लंबे समय तक नहीं मिल पाती है और मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।
दूध में मनमाना भाव
गौरतलब है दूध उत्पादक संघ ने कुछ समय पूर्व भाव बढ़ोत्तरी की थी, लेकिन दूध विक्रताओं में से अधिसंख्य ने मनमाना दूध भाव खोलकर एक तरह से दो से - पांच रूपए तक की मुनाफाखोरी जारी है। अनेक दूध दुकानों, डेयरी आदि से भी भाव सूची गायब सी ही है।
यात्रियों से मनमाने किराए की वसूली
उपनगरीय बसों में निर्धारित किराया के बजाए स्वयं वृद्धि के चलते इंदौर - महू व पीथमपुर के बीच मनमाना किराया वसूला जा रहा है, जबकि इस मार्ग पर टेक्स की छूट है तथा बिना परिवहन विभाग के अनुमोदन के किराया नहीं बढ़ाया जा सकता, लेकिन इस पर भी कोई नकेल नहीं है। विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर जहां मूल्य सूची प्रदर्शित करना नियमानुसार जरूरी है वहां भी इसका पालन नहीं के बराबर किया जा रहा है लिहाजा आम उपभोक्ता के साथ कमद - कदम पर कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में लूट ही हो रही है।
यह है बसों के लिए नियम-कानून
52 सीटों वाली बसों में 2 गेट होना अनिवार्य हैं।
स्लीपर बस में आपातकालीन खिड़की की व्यवस्था हो।
यात्री बसों में किराया सूची चस्पा की जाए।
परमिट का उल्लेख, बीमा और फिटनेस का पत्र भी चस्पा करें।
यात्री बसों में अग्नि शमन यंत्र व फस्र्ट एड बाक्स होना अनिवार्य है।
पियक्कड़ों के ठियों से भी सूची गायब
उधर, प्रदेश में अब नई नीति के साथ एक  ही दुकान से देशी और विदेशी शराब का विक्रय हो रहा है। पूर्व में देखा गया है कि जब देशी और विदेशी शराब के ठेके अलग-अलग हुआ करते थे, तब देशी शराब दुकानों पर रेट लिस्ट यानि सूची लगी रहती थी, जिस पर शराब के रेट लिखे रहते थे, लेकिन नई नीति के बाद आबकारी विभाग से अधिकृत शराब की दुकानों पर नियमानुसार शराब की कीमत की सूची का बोर्ड दुकान के बाहर चस्पा करना अनिवार्य होता है, लेकिन किसी भी दुकान के बाहर रेट लिस्ट का बोर्ड चस्पा नहीं है। फिर भी विभाग की ओर से प्रकरण दर्ज नहीं किए जा रहे हैं।