उज्जैन। मक्सी रोड स्थित दुग्ध संघ से 30 लाख रुपए कीमत के घी के गायब होने के मामले में तत्कालीन सीईओ बीके साहू भी शंका के दायरे में हैं। क्योंकि इन्हीं के कार्यकाल में संघ से घी की हेराफेरी हुई है। नतीजतन शासन की जांच टीम ने साहू को भी नोटिस जारी कर रखा है। चर्चा तो यह भी है कि गड़बड़ी की आशंका के बीच ही शासन ने बीके साहू को उज्जैन से हटाते हुए उनका स्थानांतरण सागर कर दिया था।
बाद में यहां नए सीईओ के रूप में डीपी सिंह ने 13 अप्रैल 2021 को ज्वाइन किया। इसके बाद तेजी से मामले में जांच की जाने लगी और धीरे-धीरे परते खुलती गई। सिंह खुद इस बात की पुष्टि करते हैं कि साहू को भी मामले में नोटिस जारी किया गया है। इधर जांच टीम अब महीनेवार स्टॉक के आवक-जावक की दस्तावेजों के आधार पर बारीकी से पड़ताल कर रही है, ताकि यह भी पता किया जा सके कि किस महीने विशेष में ज्यादा घी गायब किया गया। संघ से दूध, दही, लस्सी, घी सहित किसी भी प्रोडक्ट के बाहर भेजने की पूरी प्रक्रिया है। यह कि पहले डिमांड प्राप्त होती है। उसके हिसाब से जावक पत्रक तैयार होता है। उसके बाद गेट पास बनता है। उसमें स्पष्ट होता है कि किस नंबर की गाड़ी में क्या-क्या प्रोडक्ट जाना है। यह प्रोडक्ट स्टोर से जारी होता है। तब स्टोर से गेट पास बनता है। उसमें प्रोडक्ट की क्षमता का भी उल्लेख रहता है। स्टोर से जब प्रोडक्ट गाड़ी में लोड होता है तब सुरक्षा गार्ड उसे चैक करते हैं। इसके बाद गाड़ी आगे बढ़कर जब मैन गेट पर पहुंचती तब भी यहां सुरक्षा गार्ड पुन: गेट पास के आधार पर प्रोडक्ट व गाड़ी नंबर आदि चैक करते हैं। संघ के अधिकारियों का मानना है कि प्रक्रिया का पालन करते हुए प्रोडक्ट की हेराफेरी करना मुश्किल है। या तो सुरक्षा गार्डों ने उक्त प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है।
उज्जैन
घी कांड में तत्कालीन सीईओ साहू भी शंका के दायरे में
- 05 Aug 2021