इंदौर। मुस्कुराए आप इंदौर में हैं, स्वच्छता के मामले में लगातार अव्वल रहने के बाद हर इंसान में मन में ये ध्येय वाक्य घर कर गया है। हालाकि सच भी है क्योंकि शहर की साफ-सफाई और सफाई कर्मचारियों की दिन रात की मेहनत का नतीजा है जो शहर में स्वच्छता का पंत लगाया और आज पूरे देश में इंदौर का नाम बज रहा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और निगम की लापरवाही के कारण शहर का एक हिस्सा जो जूनी इंदौर के नाम से जाना जाता है आज भी स्वच्छता के पंच से दूर नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। चंद्रभागा क्षेत्र जो बारिश के मौसम में नाव चलाने लायक बन जाता है ये जगजाहित है लेकिन यहां की व्यवस्थाओं पर आज भी एक सवाल है क्योंकि लोग खुले गटर के बीच रहने को मजबूर है।
चंद्रभागा पुल हनुमान मंदिर से लेकर मस्जिद तक नाला निगम की लापरवाही के कारम खुला छोड़ दिया है जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। मुख्य मार्ग से लगे इस नाले के कारण ना सिर्फ स्थानीय रहवासियों को गंदगी और बदबू का सामना करना पड़ रहा है बल्कि इसमें आए दिन लोग गिरने से बच रहे हैं। गटर की चौड़ाई 5 फीट से ज्यादा है जिसमें पूरे साल पानी भरा रहता है लेकिन ना तो इसमें जाली लगाई गई है ना ही नियमित सफाई होती है जिससे कारण ये परेशानी बन रहा है। हालाकि सवाल ये भी है कि जब पूरे शहर में स्वच्छता का तमगा बज रहा है तो क्यों इस शहर के पुराने हिस्से को स्वच्छता से दूर रखा जा रहा है। तीन नंबर विधानसभा के अंदर आने वाले इस क्षेत्र में ना तो स्थानीय विधायक का कोई ध्यान है ना ही निगम के अधिकारी इस समस्या पर ध्यान दे रहे हैं।
घर तक जाने के लिए लगाए चद्दर
चौराहे के पास बनी मल्टियों में रहने वाले लोग इस समस्या से काफी परेशान है। कुछ मल्टियों में तो पक्के निर्माण कर लिए गए हैं ताकि एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकें लेकिन कुछ जगहों पर तो चद्द बिछाकर रास्ता बनाया गया है ताकि अस्थाई तौर पर जा सकें लेकिन ये कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं जब तक इसका स्थाई हल ना किसी जाए। लोगों का कहना है कि गटर को व्यवस्थित करने के शिकायतें की गई लेकिन कोई ध्यान देने नहीं आता है। पूरे शहर में अंडरग्राउण्ड ड्रेनेज लाईन डली है लेकिन यहां खुले में नदी के रुप में गटर का पानी बह रहा है।
बड़ी दुर्घटना का कौन होगा जिम्मेदार?
मुख्यमार्ग होने के कारण इससे पूरे दिन वाहनों का दबाव रहता है तथा आए दिन वाहन चालक इसमें गिरने से बचते हैं क्योंकि निकलने के लिए जगह कम है और पूरी तरह ये गटर खुली है। अगर अनियंत्रित होकर किसी दिन किसी के साथ दुर्घटना हो गई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। निगम को इस गटर को अंडरग्राउण्ड करना चाहिए ताकि गंदगी बाहर ना दिखे और साफ सफाई व्यवस्थित दिखे। खुली रहने के कारण लोग कचरा भी इसी में डाल देते हैं जिससे ये आए दिन चोक होती है।
इंदौर
चंद्रभागा में नहीं लग पाया स्वच्छता का पंच, खुली गटर के बीच चलने पर मजबूर, दुर्घटनाओं को न्यौता
- 30 Dec 2021