इंदौर। चोरल में अवैध कटाई को लेकर जांच दल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी, लेकिन कार्रवाई करने से पहले सीसीएफ व डीएफओ खुद जंगल का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां स्टॉफ ने ग्रामीणों द्वारा वनभूमि पर अतिक्रमण करने के लिए कटाई बताई, जिसमें पेड़ों को सालभर पहले काटने की जानकारी दी। साथ ही वनकर्मियों ने प्रकरण दर्ज करने का भी जिक्र किया है। बाद में फटकार लगाते हुए अधिकारियों ने वनकर्मियों को अतिक्रमण रोकने पर जोर दिया है। इतना ही नहीं रात में भी गश्त करने के निर्देश दिए।
पंद्रह दिन पहले चोरल रेंज की गांजिदा-गवालू बीट में अवैध कटाई और घावठी लगाई गई। लगभग 30-40 पेड़ों को नुकसान पहुंचाया। लकड़ी माफियाओं की सक्रियता फिर एक बार बढ़ गई। सीसीएफ एचएस मोहंता ने चोरल जंगल की सीमा से लगने वाली रेंज में स्टॉफ को निगरानी रखने के लिए पत्र लिखा। बड़वाह और देवास रेंज शामिल है। कटाई की जांच के निर्देश डीएफओ नरेंद्र पांडवा को दिए। जिन्होंने रालामंडल अधीक्षक दिनेश वास्कले को जांच की जिम्मेदारी सौंपी। तीन दिन में रिपोर्ट देना थी। सूत्रों के मुताबिक अधिकारी भी काफी लापरवाह नजर आए, जिन्होंने दस दिन बाद रिपोर्ट डीएफओ को सौंपी है। इसे अभी तक उन्होंने भी देखना जरूरी नहीं समझा है।
वैसे डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड सहित दो अन्य वनकर्मियों को नोटिस दे दिया है। इन्होंने भी अपना स्पष्टीकरण अधिकारियों को सौंप दिया है। इस बीच मंगलवार को सीसीएफ मोहंता और डीएफओ पांडवा जंगल का निरीक्षण करने गए। गांजिदा, गवालू, राजपुरा सहित अन्य वनक्षेत्र देखा, जिसमें अवैध कटाई होना पाया गया। डीएफओ पांडवा का कहना है कि कटाई को लेकर जंगल देखने गए थे। ज्यादातर पेड़ों को काफी पहले काटा गया है। वैसे अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों को रोकने की जरूरत है। इसके लिए स्टॉफ को निर्देश दिए हैं।
इंदौर
चोरल जंगल का निरीक्षण करने पहुंचे सीसीएफ व डीएफओ
- 09 Jul 2021