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चार मवेशी मिले एलएसडी पॉजिटिव

  • 15 Sep 2021

रुद्रपुर। उत्तराखंड में पहली बार दुधारू पशुओं में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) वायरस का मामला सामने आया है। इससे पहले गाय-भैंसों में यह बीमारी भारत में वर्ष 2012 में पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में देखने को मिली थी। काशीपुर ब्लॉक के एक फार्म में 13 गाय-भैंसों में लक्षण मिलने पर सैंपल जांच के लिए भेजे थे, जिनमें चार गायों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिले के पशुपालकों को अलर्ट कर दिया गया है।
पशुपालन विभाग के अनुसार पशुओं में वायरस आने पर उनके शरीर में जगह-जगह गांठें बन जातीं हैं। पशुओं को तेज बुखार हो जाता है। इसके चलते पशु चारा खाना भी छोड़ देते हैं। यह वायरस पशुओं में मक्खी, मच्छर, पशु से पशु का संपर्क, पशुलार आदि से तेजी से फैलता है। यह वायरस पशुओं की वायरल बीमारी है, जो मनुष्य में नहीं फैलती है। इसके साथ ही इस वायरस से पशु मृत्यु दर बहुत कम है लेकिन पशुओं में दुग्ध उत्पादन कम हो जाता है। काशीपुर ब्लॉक के एक फार्म में 13 गाय-भैंसों में लक्षण पाए जाने पर उनके सैंपल जांच के लिए बरेली आवीआरआई भेजे गए थे। मंगलवार को आई रिपोर्ट में चार गायों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।  
पशुपालकों को घबराने की जरूरत नहीं: डॉ. धामी
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. गोपाल सिंह धामी ने बताया कि राज्य में एलएसडी वायरस के लक्ष्ण पहली बार दुधारू पशुओं में देखे गए हैं, लेकिन इससे पशुपालकों को घबराने की जरूरत नहीं है। बताया कि अगर पशुओं में इस तरह के लक्ष्ण देखने को मिलते हैं तो क्षेत्र के पशु डॉक्टर से संपर्क कर उपचार करवाएं। यह एक वैक्टर वार्न (मच्छर किलनी) बीमारी है। इसमें पशुओं की मृत्युदर बेहद कम होती है। गाय-भैंसों का दूध अच्छी तरह उबालकर पी सकते हैं। इससे मानव को कोई हानि नहीं पहुंचेगी।