इंदौर।आमतौर पर नगर निगम, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा महापौर और सभी एमआईसी सदस्यों से सभी तरह की सुविधाएं वापस ले ली जाती हैं। इसी के तहत आचार संहिता लगने के बाद निगम परिसर में स्थित महापौर के कार्यालय में ताला लगा दिया जाता है और उनके नाम पट्टिका ढक दी जाती है। इस बार भी नगर निगम के परिषद कार्यालय के अधिकारियों द्वारा महापौर के कार्यालय पर ताला लगा दिया गया था और उनके नाम की बाहर लगी पट्टिका अखबारों के कागज से ढक दी गई थी । इसी तरह एमआईसी सदस्यों के कार्यालयों पर भी ताला लगाकर उनके नाम पर पट्टिका ढक दी गई थी। बताया जाता है कि निगम अधिकारियों की इस कार्यवाही पर महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने जमकर नाराजगी व्यक्त की। महापौर ने कहा कि आदर्श आचार संहिता में महापौर का कार्यालय बंद करने और नाम पट्टिका को ढकने का कहीं उल्लेख नहीं है। महापौर का पद संवैधानिक पद है इसलिए इस तरह की कार्यवाही उचित नहीं है। महापौर ने निगम सचिव को अपना कार्यालय खोलने और नाम पट्टिका पर चिपकाए गए कागजों को हटाने के निर्देश दिए। बताया जाता है कि महापौर की नाराजगी के बाद आनन फानन में निगम अधिकारियों ने गुरुवार शाम उनके कार्यालय का ताला खोल दिया और नाम पट्टिका पर चिपकाए गए कागजों को भी हटा दिया। इसका वीडियो बनाकर महापौर को भेजा गया। वहीं दूसरी ओर उच्च प्रशासनिक सूत्रों ने भी बताया कि आदर्श आचार संहिता में महापौर से सुविधाएं वापस लेने के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।
इंदौर
जब महापौर ने आचार संहिता में अपना कार्यालय खुलवाया
- 14 Oct 2023