तीन साल में शराब के सिर्फ 84 सैंपल, 18 जांच में फेल
भोपाल। इंदौर सहित प्रदेश के दूसरे जिलों में भी जहरीली शराब से मौतों का मामला सामने आने के राज्य शासन ने शराब में मिलावट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन इस मामले में जिम्मेदार अभी तक पूरी नहीं जागे हैं। दरअसल सरकार के दो विभाग। एक, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और दूसरा, आबकारी विभाग। दोनों को शराब में मिलावट रोकने के लिए सैंपलिंग के अधिकार दिए गए हैं। लेकिन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की बात करें तो उसने 2019 से अभी तक पिछले तीन साल में सिर्फ भोपाल समेत प्रदेशभर में कुल 84 सैंपल शराब के लिए हैं। इसमें 59 सैंपल की जांच में पास मिले। जबकि 18 की रिपोर्ट फेल आई।
नहीं आई रिपोर्ट
जुलाई में इंदौर में 5 लोगों की मौत मिलावटी शराब पीने से होने के बाद भोपाल में अगस्त में आबकारी विभाग की टीम ने शहर की 40 शराब दुकानों से 35 सैंपल लिए गए थे। इसमें एमडी, रॉयल स्टेग, रॉयल चैलेंज, ब्लेंडर्स ब्रांड के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। ये सैंपल सबसे पहले भोपाल में भदभदा रोड स्थित एफएसएल लैब में भेजा, लेकिन यहां पर जांच नहीं हो पाने की बात कहकर सैंपलों को लौटा दिया गया। इसके बाद इन सैंपलों को जांच के लिए इंदौर की एफएसएल लैब में भेजा गया है। लेकिन आलम ये है कि अब तक इन सैंपलों की जांच रिपोर्ट नहीं आ पाई है।
न लाइसेंस न सैंपल
नकली एवं मिलावटी शराब की बिक्री न हो, इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने फूड सेफ्टी एक्ट में 2006 में बदलाव कर दिया था। इसे 2011 में लागू कर दिया गया। ये एक्ट लागू होने के बाद कई बार फूड डिपार्टमेंटों को शराब के सैंपल लेने के अधिकार दिए गए हैं। साथ ही शराब कारोबारियों को फूड लाइसेंस लेना जरूरी कर दिया गया है। भोपाल में 92 अंग्रेजी और देशी शराब की दुकानें संचालित हो रही हैं। लेकिन एक भी कारोबारी ने अब तक फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के नियमों के तहत फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से फूड लाइसेंस नहीं लिया है। यह ही स्थिति प्रदेश में शराब बेचने वाले कारोबारियों की भी है। ये लाइसेंस लेते नहीं और न ही फूड इंस्पेक्टर सैंपल लेते हैं।
नहीं सुर रहे कारोबारी
केंद्र सरकार के नियम की दुहाई देकर फूड डिपार्टमेंट के बेबस अफसर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आबकारी विभाग को पत्र लिखकर फूड लाइसेंस कारोबार के लिए लेने के बात कह रहे हैं। फूड डिपार्टमेंट के पत्र के जवाब में आबकारी विभाग के अफसरों ने भी कारोबारियों को निर्देश दिए गए हैं कि लाइसेंस लेकर कारोबार करें। लेकिन न तो कारोबारी आबकारी विभाग की सुन रहे हैं और न ही फूड डिपार्टमेंट के अफसरों के आदेश को मान रहे हैं। इस एक्ट को लागू करने के पीछे फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के सेफ्टी ऑफिसर ने बताया कि फूड लाइसेंस लेने पर शराब की क्वालिटी के सैंपल लेकर जांच कराई जा सकती है।
भोपाल
जहरीली शराब से मौतों के बाद भी नहीं जाग रहे
- 25 Oct 2021