भोपाल. मध्यप्रदेश में अब कैदियों की भी काउंसलिंग होगी. मध्य प्रदेश के इतिहास में ये पहला मौका है जब कैदियों को ये सुविधा दी जा रही है. इससे कैदियों की जिंदगी में बदलाव लाने की कोशिश की जाएगी. काउंसलर उनसे बातचीत करेंगे और उन्हें जीने की नई राह दिखाएंगे. इसकी शुरुआत भोपाल सेंट्रल जेल से की जा रही है.
काउंसलिंग की ये सुविधा आदतन अपराधियों के बजाए पहली बार जेल आने वाले आरोपियों को दी जाएगी. भोपाल सेंट्रल जेल में पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गयी है. काउंसलर की तलाश के लिए भोपाल के कई प्राइवेट संस्थाओं से बातचीत भी की गई है. यह बातचीत अब अंतिम दौर में है.
काउंसलर बदलेंगे जिंदगी
भोपाल सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने कहा काउंसलिंग की सुविधा से जेल आने वाले आदतन बदमाशों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लेकिन जो पहली बार किसी अपराध में जेल आते हैं, उनकी सोच को काउंसलर बदल कर आगे की जिंदगी सुधार सकते हैं. इसलिए काउंसलिंग की सुविधा पर फोकस किया गया है. यह जेल विभाग के इतिहास में बड़ा कदम है. अधिकारियों का कहना है जेल में पहली बार आने वाले कैदी घबराए हुए होते हैं. काउंसलिंग उनकी सोच और व्यवहार बदल सकती है.
एजुकेशन से लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम तक जुड़ेंगे कैदी
भोपाल सेंट्रल जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने कहा एजुकेशन से लेकर ट्रेनिंग प्रोग्राम की व्यवस्था सालों से जेल के अंदर है. लेकिन अब काउंसलिंग की व्यवस्था पर हमारा फोकस है. उन्होंने कहा लंबे समय से शैक्षणिक उत्थान और ट्रेनिंग के कार्यक्रम चल रहे हैं. इग्नू हो या वर्धा यहां से हेल्प मिल रही है. दसवीं, आठवीं, बारहवीं के ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा कैदियों से कराए जाते हैं. लेकिन अब जरूरत है कैदियों को काउंसलर भी मिले. क्योंकि जेलों के अंदर काउंसलिंग की कमी है. इसके लिए एक प्रोग्राम डिजाइन किया गया है. इस काउंसलिंग से जेल के अंदर आने वाले कैदियों की मनोदशा पर बहुत असर पड़ेगा. उन्हें जेल के अंदर भी जीने की एक नयी राह मिलेगी.
भोपाल
जेलों में अब कैदियों की बेहतरी के लिए शुरू हो रही है नयी सुविधा
- 12 Apr 2022