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खंडवा

जासूसी के शक में 3.5 साल पाकिस्तान में काटी सजा

  • 21 Feb 2023

आज अपने घर लौटेगा राजू
खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा का युवक पांच साल पहले पाकिस्तान पहुंच गया। पाक पुलिस ने उसे जासूसी के आरोप में पकड़ा। इंटेलिजेंस को सौंप दिया। पाकिस्तान की मीडिया ने उसे जासूस करार दे दिया। फिर क्या था, वहां की सरकार ने जासूस साबित करने के लिए साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिए। आखिरकार, पाक सरकार ने जासूस की संदेह में गिरफ्तार राजू पर अवैधानिक तरीके से बार्डर पार करने का मुकदमा चलाया। वहां कोर्ट ने उसे सजा सुनाई। वह करीब साढ़े तीन साल तक वह जेल में भी रहा।
सजा पूरी होने के बाद पाक सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय को राजू की रिहाई के संबंध में जानकारी दी। विदेश मंत्रालय से यह जानकारी खंडवा पुलिस को मिली। 14 फरवरी को पाकिस्तान पुलिस ने राजू को अटारी बार्डर से भारत के हवाले किया। फिलहाल, राजू अमृतसर स्थित रेडक्रॉस सोसायटी की देखरेख में है। खंडवा पुलिस की टीम भी अमृतसर पहुंच गई है। वह मंगलवार रात तक राजू को लेकर वापस आ जाएगी। इसके बाद राजू को परिजन के सुपुर्द कर दिया जाएगा। साढ़े तीन साल से ज्यादा समय बाद राजू घर पहुंचेगा। राजू कैसे पाकिस्तान पहुंचा? साढ़े तीन साल तक परिवार के लोगों ने क्या-क्या संघर्ष किए? पढ़िए पूरी कहानी।
31 जुलाई 2019, पुलिस ने जासूसी के आरोप में पकड़ा
घटना, 31 जुलाई 2019 की है। राजू को पाकिस्तान पुलिस ने डेरा गाजी खान जिले में जासूसी के आरोप में पकड़ा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने राजू से पूछताछ की। राजू ने खुद को भारत के मध्य प्रदेश, जिला खंडवा के गांव इंधावड़ी का रहने वाला बताया। पहले तो उसे पाकिस्तान पुलिस राजस्थान का रहने वाला समझ रही थी। चार दिन बाद यानी 3 अगस्त को भारतीय एजेंसियों को पता चला कि राजू खंडवा जिले के इंधावड़ी गांव का रहने वाला है। तहकीकात में राजू की पहचान खंडवा के नर्मदानगर थाना क्षेत्र के गांव इंधावड़ी निवासी भील परिवार से हुई। राजू के छोटे भाई दिलीप ने खुफिया पुलिस से दावा किया कि यह उसका भाई राजू है, जो 15 साल से विक्षिप्त की तरह इधर-उधर घूम रहा है। वह पाकिस्तान कैसे पहुंच गया, नहीं पता। 17 फरवरी 2023 को खंडवा पुलिस ने राजू के परिवार को सूचना दी। कहा कि आपका बेटा लौट आया है, उसे लेने पंजाब जाना होगा। गाड़ी की व्यवस्था कर लीजिए। फिर गरीब परिवार ने कलेक्टर-एसपी से वाहन व्यवस्था की गुहार लगाई। कलेक्टर अनूपसिंह ने चार सदस्यीय दल गठित कर राजू को लेने भेजा। 18 फरवरी को प्रशासनिक अमले के साथ राजू का भाई दिलीप भी गया है।