डांस से लेकर सिंगिंग तक ढेरों रियालिटी अब तक लोगों का मनोरंजन कर चुके हैं। रियलिटी का दावा करने वाले इन शोज पर कथित तौर पर टैलेंट को बढ़ावा देने की बात कही जाती है। इन रियलिटी शोज के बड़े मंचों पर कई बार एक आम सा शख्स भी सफलता की नई इबारत लिखते देखा जा चुका है लेकिन, अब ये रियलिटी शो पूरी तरह से बदल गए हैं। लेकिन अब कई शोज में टैलेंट से ज्यादा 'गरीबी और ट्रेजेडी' को जगह दी जाने लगी है। मेकर्स टीआरपी के लिए कंटेस्टेंट के साथ ही बॉलीवुड की कुछ ऐसी हस्तियों को भी शो में शामिल करते रहते हैं, जिसकी वजह से लोग 'सहानुभूतिवश' शो से जुड़ जाते हैं। अब हाल ही में इस मुद्दे पर टीवी के कई रियालिटी शो होस्ट कर चुके एक्टर मनीष पॉल ने अपनी राय रखी।
मनीष ने कहा- जो प्रतिभागी छोटे कसबे, छोटे जगह से आया है और उसके बारे में बात करके कोई इमोशनल महसूस करता है तो मुझे लगता है ये स्वाभाविक है। वो कोई बनावटी या टीआरपी के लिए नहीं किया जाता। अगर एक लड़का पिछले छह साल से कोशिश कर रहा हो और अब जाकर उसे मौका मिला हो, उसके घर के हालात खराब हों, तो ये टीआरपी के लिए नहीं है। अगर किसी के इमोशन और पर्सनैलिटी के बारे में बताया जाए, तो उसे टीआरपी के लिए नहीं किया जाता। इसका कारण यह है कि कल जब वो ही लड़का तरक्की करेगा, तो हम इस बारे में बात करेंगे कि वह कहां से आया है। आज हम शाहरुख सर या बच्चन साहब के स्ट्रगल के बारे में बात करते हैं कि कहां से आए और आज कहां पहुंच गए हैं। मतलब इरादा वही होता है, उसके सफर को दिखाने का। ना कि नकली गरीबी दिखाओ या लाचार मां-बाप दिखाओ, वो उद्देश्य नहीं है। तो हमारे शो में हम ऐसा नहीं कर रहे। जैसा मैंने पहले ही कहा कि मैं होस्ट बनने नहीं आया था। काम मिलता गया और करता गया और चमक गया।
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टीआरपी के लिए रियलिटी शो में 'गरीबी और ट्रेजेडी' को दी जाती है एहमियत!
- 14 Oct 2021