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भोपाल

डाउ केमिकल के प्रतिनिधि की पहली बार कोर्ट में हुई पेशी,  25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

  • 04 Oct 2023

भोपाल। गैस कांड की दोषी कंपनी डाउ केमिकल के प्रतिनिधि पहली बार कोर्ट में पेश हुए। उनको भेजा गया सातवां समन तामील हो गया था। इसके पहले कंपनी को 6 समन भेजे गए थे। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई। यह पहला मौका रहा, जब इस कंपनी का कोई प्रतिनिधि कोर्ट में पेश हुआ।
गौरतलब है कि अमेरिका में डाउ केमिकल कंपनी के पास यूनियन कार्बाइड कंपनी का 100% हिस्सा है, इसे भारतीय अदालत ने 1992 में भगोड़ा घोषित किया है। इसके बावजूद कंपनी अदालत में पेश नहीं हो रही थी। भोपाल गैस कांड विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी मानी जाती है।
अमेरिकी संसद में उठी मांग
इस पूरे घटनाक्रम को अमेरिका की संसद में उठी मांग का असर माना जा रहा है। दरअसल, भोपाल गैस कांड की दोषी कंपनी दो केमिकल के खिलाफ कार्रवाई के लिए उसी के देश अमेरिका में सांसदों ने मांग उठाई है। सांसद रशीदा तलबी के नेतृत्व में वहां के 12 अन्य सांसदों ने यूएस न्याय विभाग को पत्र लिखकर कंपनी के खिलाफ अपराधिक समन जारी करने की मांग की है। इसका नतीजा यह है कि 36 साल में पहली बार इस विदेशी कंपनी का आरोपी गैस कांड के आपराधिक मामले का जवाब देने कोर्ट में पेश हुआ।
क्या कहते हैं संगठन
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी और भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए 1987 में सीबीआई ने यूनियन कार्बाइड पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया। फरवरी 1992 में भोपाल जिला कोर्ट द्वारा यूनियन कार्बाइड को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया गया। 2001 में यूनियन कार्बाइड को अधिकृत कर डाउ केमिकल ने भारतीय दंड संहिता की धारा 212 के तहत 3 साल की जेल और जुमार्ने का अपराध किया है।
भोपाल गैस त्रासदी मामले में आज पहली बार 36 साल बाद डाउ केमिकल की ओर से कोई प्रतिनिधि कोर्ट में पेश हुआ। इसके पहले कोर्ट की ओर से 6 बार कंपनी को समन जारी किया जा चुका था। लेकिन आज तक कोर्ट में कोई हाजिर नहीं हुआ था। बताया जा रहा है कि कंपनी की ओर से पक्ष रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील रविंद्र श्रीवास्तव उपस्थित हुए थे। इस मामले में करीब 30 मिनट तक सुनवाई चली। इसमें डाउ केमिकल की ओर से वकील ने पार्शियल अपीयरेंस का हवाला दिया।
उन्होंने कोर्ट से समय मांगते हुए कहा कि वो इस बात की खोजबीन कर रहे हैं कि क्या भारत की अदालत के पास अमेरिकी कंपनी के मामले में सुनवाई करने का अधिकार है की नहीं। इस पर कोर्ट ने 2 दिन के लिए फैसला रिजर्व रखा है। इसके बाद 6 अक्टूबर को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। बताया जा रहा है कि मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।