नई दिल्ली। तमिलनाडु में जल्लीकट्टू उत्सह में भाग लेने वाले बैल को जिंदा मुर्गा खिलाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इसे लेकर सालेम जिले के एक यूट्यूबर के खिलाफ केस दर्ज किया है। उसने पिछले साल दिसंबर में एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें तीन लोग बैल को पकड़े हुए हैं और उसे जबरन जिंदा मुर्गा खिलाया जा रहा है। वीडियो के वायरल होने के बाद यूट्यूबर रघु के खिलाफ ऐक्शन लिया गया है। पीपल फॉर कैटल इन इंडिया के संस्थापक अरुण प्रसन्ना ने इसे लेकर शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
प्रसन्ना का एनजीओ चेन्नई में स्थित है। उन्होंने मंगलवार को थरामंगलम पुलिस इंस्पेक्टर को मामले को लेकर पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने बताया कि बैल शाकाहारी होते हैं और जानवरों को कच्चा मांस खिलाने से उन्हें अज्ञात बीमारियां हो सकती हैं। प्रसन्ना ने लिखा, 'मुर्गे को बेरहमी से पकड़ा गया था। उसे बैल के दांतों के बीच चबाने के लिख रखा गया। जिंदा मुर्गे को धीरे-धीरे चबाकर मौत के घाट उतारा जाना कितना डरावना और दर्द भरा है। इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। बैल को हड्डियों व पंखों को चबाने, खून पीने और मांस निगलने के लिए मजबूर किया गया है। बैल तो ये सब खाने-पीने के लिए नहीं बने हैं।'
अरुण प्रसन्ना ने पुलिस को लिखे पत्र में इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने इसमें शामिल लोगों के खिलाफ धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की। थरमंगलम पुलिस ने इसे लेकर तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मालूम हो कि जल्लीकट्टू सांडों को वश में करने का लोकप्रिय खेल है। यह पारंपरिक तौर पर जनवरी के दूसरे हफ्ते में पोंगल उत्सव के दौरान तमिलनाडु में खेला जाता है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान