जम्मू। कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के इनपुट तीन माह पहले से मिल गए थे, लेकिन खुफिया एजेंसियों की इस सूचना पर पुलिस समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां समय रहते काम नहीं कर सकीं। अब इसे रोकने के लिए श्रीनगर, पुलवामा और अनंतनाग पर फोकस किया गया है। इन तीन जिलों में हाइब्रिड आतंकियों की तलाश के लिए अभियान तेज किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि तीन महीने पहले खुफिया एजेंसियों ने श्रीनगर, पुलवामा और अनंतनाग में टारगेट कीलिंग का इनपुट दिया था। बताया गया था कि आतंकी संगठन कश्मीर में गैर कश्मीरी मजदूरों, कश्मीरी पंडितों और जम्मू के रहने वाले सरकारी कर्मियों को निशाना बना सकते हैं। आतंकियों ने भाजपा, अपनी पार्टी और इससे संबंध रखने वाले लोगों, कश्मीरी में अल्पसंख्यक पंडित, सिख और सरकार के हक में आवाज उठाने वाले लोगों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। आतंकी संगठन कश्मीर में हालात सामान्य नहीं होने देने और पंडितों की कश्मीरी वापसी के खिलाफ यह कार्रवाई करना चाहते थे। एकाएक जब टारगेट किलिंग शुरू हो गई तो पुलिस और सीआरपीएफ इस पर पुख्ता कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
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तीन माह पहले मिल गए थे कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग के इनपुट, वक्त रहते काम नहीं कर सकीं सुरक्षा एजेंसियां
- 19 Oct 2021