ओंकारेश्वर। मकर संक्रांति पर तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए 14 और 15 जनवरी को नर्मदा स्नान पर प्रतिबंध है। कई श्रद्धालुओं को 4 किमी दूर से ही लौटा दिया गया। दूसरी ओर, तीर्थनगरी में पांच हजार ऐसे श्रद्धालुओं को प्रवेश दे दिया गया, जिन्होंने बुकिंग ही नहीं कराई थी।
मंदिर संस्थान के मुताबिक 14 जनवरी को संक्रांति पर दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग सिर्फ 4 लोगों ने कराई थी। फिर इतने लोग आए कहां से? जबकि तीर्थनगरी के प्रवेश द्वार पर सुबह से बैरिकेडिंग लगाकर बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को लौटाया जा रहा था। कई श्रद्धालु तीर्थनगरी पहुंचे, किंतु बगैर स्नान और दर्शन किए लौटने के कारण निराश हुए। हालांकि, तीर्थनगरी के लगभग सभी घाटों पर सन्नाटा ही पसरा रहा। वहां सिर्फ इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही स्नान करते दिखे। कोरोना काल के दौरान 2020 और 21 में भी ऐसा सन्नाटा यहां नहीं देखा गया।
तीर्थनगरी के प्रवेश द्वार पर शुक्रवार सुबह से ही पुलिस ने चेकिंग शुरू कर दी थी। बाहरी श्रद्धालुओं को यहां प्रवेश नहीं दिया गया। इसके चलते कुछ श्रद्धालु अपने वाहन चेकिंग पॉइंट के आसपास ही खड़े कर पैदल ही चार किमी का सफर तय कर दर्शन करने पहुंच गए। उधर, इसका फायदा तीर्थनगरी के कुछ निजी वाहन चालकों ने उठाया और उन्होंने ऐसे यात्रियों से दोगुना पैसा लेकर मंदिर के पास तक छोड़ा।
इधर, देर शाम महाराष्ट्र से एक बस यात्रियों को लेकर ओंकारेश्वर पहुंची, जबकि इन लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग नहीं करवाई थी। सूत्रों के मुताबिक इन्होंने तीन हजार रुपए देकर तीर्थनगरी में प्रवेश किया और दर्शन भी। रात होते-होते ऐसे श्रद्धालुओं का आंकड़ा पांच हजार के पार पहुंच गया, जो बगैर बुकिंग के दर्शन कर गए, जबकि इस दिन के लिए सिर्फ चार श्रद्धालुओं ने ही दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवाई थी।
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तीर्थनगरी में लापरवाही, ऑनलाइन बुकिंग सिर्फ 4, दर्शन कर गए 5 हजार; बगैर बुकिंग के ही प्रवेश दे दिया
- 15 Jan 2022