इंदौर। स्मार्ट सिटी की पुलिस को स्मार्ट और हाईटेक बनाने के लिए अपराधियों की धरपकड़ के साथ ही ट्रैफिक रुल्स तोडऩे वालों की पहचान के लिए शहर के प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वैसे तो पुलिस ने शहर भर में 800 कैमरे लगाए हैं लेकिन इनका मेंटनेंस नहीं होने के कारण कई कैमरे बंद पड़े हैं। हालात तो ये हैं कि पुलिस की तीसरी आंख कहे जाने वाले इन कैमरों पर भी पुलिस की नजर नहीं है और यही कारण है कि पुुलिस अपने कैमरे से बेट्री चुराने वालों का सुराग तक नहीं ढूंढ पाई है। जुलाई माह में ही पुलिस कैमरे से बेट्री चोरी के आधा दर्जन से ज्यादा मामलों ने पुलिस की सक्रियता की पोल खोलकर रख दी है।
एक माह में इतनी वारदात
-14 जुलाई पुलिस सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम की लोकेशन मेघदूत के ओडीसी बाक्स में लगी 03 नग बैट्री एवं भमौरी प्लाजा के ओडीसी बाक्स में लगी 03 नग बैट्री, फुडलेण्ड के ओडीसी बाक्स में लगी 03 बैट्री, न्यायनगर पुलिस के ओडीसी बाक्स में लगी 03 नग बैट्री, राजश्री अपोलो के ओडीसी बाक्स में लगी 03 नग बैट्री थाना विजयनगर क्षेत्रांतगज्त कुल 05 लोकेशनों की 15 नग एमरान क्वांटा कंपनी की सेकेन्ड्री बैट्री 12 वोल्ट 42 एएचसी की, उक्त लोकेशनों के ओडीसी बाक्स से कोई अज्ञात व्यक्ति 15 नग बैट्री 12 वोल्ट 42 एएचसी एमरान क्वांट कंपनी की चुराकर ले गया है ।
-11 जुलाई को स्कीम 78 में इंग्लिश वाइन शाप के सामने लगे पुलिस के सीसीटीवी कैमरे से चोर तीन बेट्री और यूपीएस सिस्टम चुराकर ले गए। इस मामले में लसूडि?ा थाने में केस दर्ज किया गया।
-9 जुलाई को अनूप टाकीज के सामने पुलिस कैमरे से तीन बेट्री चोरी हुई। एमआईजी पुलिस ने केस दर्ज किया।
7 जुलाई -नवनीत दर्शन पत्रकार चौराहा,चंद्रलोक चौराहा से पुलिस के सीसीटीवी कैमरे से 9 बेट्रीयां चोरी हुई पलासिया थाने में केस दर्ज हुआ।
बेट्री चोरी होते ही बंद हो जाते हैं कैमरे
सीसीटीवी कैमरे की बेट्री चोरी होने के बाद कैमरे बंद हो जाते हैं। ऐसे हालात में यदि उन स्थानों पर कोई वारदात होती है तो वे कैमरे में कैद नहीं हो पाते। आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में पुलिस विभाग की मिली भगत हो सकती है यदि इस बात को सच मान लिया जाए तो क्या कारण है कि पुलिस अपने ही घर में छिपे चोर का सुराग क्यों नहीं लगा पाई है।
सहायक होते हैं कैमरे
ट्रैफिक व्यवस्था में भी ये कैमरे सहायक होते हैं। सीसीटीवी फुटेज से ही ट्रैफिक नियमों को तोड?े वालों की हरकत सामने आती है। इस तरह के सैकड़ों मामलों को पुलिस ने उजागर किया और उनके बनाए चालान से करोड़ों रुपए शमन शुल्क वसूला जा चुका है। इसके बाद भी कैमरों के रखरखाव में इतनी लापरवाही क्यों..?
कीमती होती है बैट्री
सीसीटीवी केमरे याने क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन कैमरा की बेट्री काफी कीमती होती है। कोई जानकार ही इस तरह की बेट्री चोरी कर सकता है। वही जानता है कि कैमरों की बेट्री कैसे चुराई जा सकती है और कहां पर बेची जा सकती है। कई कैमरों की बेट्री की कीमत तो 20 से25 हजार रुपए तक हो सकती है। इन हालातों में कैमरों की बेट्री चोरी होना कई शंकाओं को जनम देता है।
800 से अधिक सीसीटीवी कैमरे
इंदौर में पुलिस के 800 से अधिक सीसीटीवी कैमरे पुलिस के लिए तीसरी आंख का काम कर रहे हैं। इन कैमरों में से ज्यादातर कैमरे मेंटनेंस के अभाव में या तो बंद पड़े रहते हैं या फिर इनकी कीमती बेट्रियां चोरी हो जाती है। इससे कैमरे होने के बाद भी उस इलाके में होने वाले अपराध में अपराधी के फुटेज नहीं मिल पाते हैं।
इंदौर
तीसरी आंख पर नजर नहीं...! बैटरियां हो रही चोरी, तो कई स्थानों पर बंद हैं सीसीटीवी कैमरे
- 10 Aug 2023