शहडोल। शहडोल मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर एक 3 माह की नवजात बच्ची दागने का शिकार हो गई। मासूम की मां बच्ची के शव को लेकर काफी देर तक मेडिकल कॉलेज में ही गुमसुम बैठी रही। बार-बार कह कर सिसक रही थी कि मुझसे गलती हो गई। मुझसे गलती हो गई। मैंने अपनी सोन चिरैया को गर्म काली चूड़ी से दाग दिया।
मैं नहीं समझ पाई और मेरी चिड़िया फुर्र हो गई। इतना कहते हुए वह अपनी ननद से लिपट कर रोने लगी। मृत नवजात को बुआ अपनी गोद में लेकर मां को हिम्मत देने लगी। यह नजारा शहडोल के मेडिकल कॉलेज में सोमवार को दोपहर 3 बजे का है। यह बैगा परिवार उमरिया जिले के मानपुर थाना के कठार गांव का रहने वाला है। बच्ची को मेडिकल कॉलेज से घर जाने के लिए एंबुलेंस भी नहीं मिल सका। जिस कारण परिजन शव को बाइक पर रखकर शहडोल से कठार अपने गांव ले गए।
3 जनवरी को मेडिकल में हुई थी भर्ती
उमरिया जिले के मानपुर थाना के कठार गांव में रहने वाली अहान बैगा (3 माह) पिता दीपू बैगा को 3 जनवरी को शहडोल के मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती कराया गया था। मानपुर में प्राथमिक उपचार के बाद उसे शहडोल मेडिकल रेफर किया गया था।
20 दिन में चौथी मौत
शहडोल संभाग के बेहतर तीन सप्ताह के भीतर दगना कुप्रथा से चौथी मौत हो गई है। हाल ही में अनूपपुर के जरही, शहडोल के पटासी और बंधवा में नवजात बच्चों को मौत हुई थी। प्रशासन के जागरूकता अभियान का मैदानी स्तर पर कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है।
हालत गंभीर बनी हुई थी
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर नागेंद्र सिंह ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर थी। उसे झटके भी आ रहे थे। उसके पेट में दागने के कई निशान थे। उपचार के दौरान आज सुबह उसकी मौत हो गई है।
राज्य
दगना कुप्रथा से 3 सप्ताह में 4 की मौत, 3 माह की मासूम को खुद मां ने गर्म चूड़ियों से दागा
- 10 Jan 2024