निर्माण चल रहा, नहीं की निकासी की व्यवस्था; एग्जिट रैम्प को भी पानी ने बनाया रास्ता
उज्जैन। उज्जैन में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात महाकाल मंदिर में झरना बहने लगा। मंदिर का नंदी हाल तालाब जैसा नजर आया। दरअसल बीती रात उज्जैन में इतनी बारिश हुई कि पानी सीधा महाकाल मंदिर में घुस आया। इस नजारे को देख महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
दरअसल महाकाल मंदिर में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य हो रहे हैं, लेकिन ये ध्यान नहीं रखा गया कि तेज बारिश होगी तो पानी की निकासी कैसे की जाएगी। दूसरा टनल निर्माण का कार्य भी जल्दबाजी में शुरू कर दिया गया। नतीजा ये रहा कि गणेश और नंदी हॉल में पानी भर गया। शयन आरती के दौरान गर्भ गृह की साइड वॉल से झरना बहने लगा।
एक दिन की बारिश में ये हाल हो गए। मंदिर प्रशासन इससे सबक लेकर व्यवस्थाएं नहीं सुधारता है, तो आने वाले दिनों मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। दरअसल मंदिर परिसर में चल रहे दूसरे फेस का काम पूरा होने की डेडलाइन 31 अगस्त है। बारिश को देखते हुए ये कार्य पहले ही पूरा कर लेना चाहिए था।
कुछ ही देर में पानी से लबालब हो गया नंदी हॉल-
उज्जैन में शुक्रवार शाम करीब 6 बजे कुछ देर के लिए तेज, तो रात 9 बजे से हल्की बारिश हो रही थी। रात करीब 10:30 बजे भगवान महाकालेश्वर की शयन आरती चल रही थी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए मौजूद थे।
इसी दौरान हवाओं के साथ एक बार फिर तेज बारिश होने लगी। आधे घंटे में ही शहर जगह जगह पानी भर गया। महाकाल मंदिर में भी बारिश का पानी बहने लगा। नंदी हॉल लबालब हो गया। मंदिर की दीवारों और छतों से झरने की तरह बहकर पानी अंदर आने लगा।
मंदिर प्रशासन का दावा- भक्तों को नहीं हुई परेशानी-
मंदिर के कर्मचारियों ने बड़ी मोटर लगाकर कुछ ही देर में नंदी हॉल से पानी बाहर निकाल दिया। शयन आरती के बाद नंदी हॉल साफ किया गया। मंदिर प्रशासन का दावा है कि पानी घुसने के बावजूद श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई। शनिवार को भी करीब 80 हजार भक्तों ने दर्शन किए।
नंदी हॉल तक ऐसे पहुंचा बारिश का पानी-
महाकाल मंदिर के बाहरी परिसर में नवग्रह मंदिर के पास नई टनल बनाई जा रही है। इस टनल के ऊपरी हिस्से से दर्शनार्थी कार्तिकेय मंडपम तक पहुंचते हैं। टनल का रास्ता नीचे गणेश मंडपम से भी जुड़ेगा। इस टनल की छत पर ढलान होने से बारिश के पानी ने रैम्प पर जगह बना ली।
वाहनों के लिए बनाया गया रास्ता भी परेशानी का कारण-
मंदिर के अंदर ही परिसर का विस्तार किया जा रहा है। निर्माण सामग्री ला रहे बड़े वाहन चार नंबर गेट के पास से मंदिर परिसर में आते हैं। इसके लिए उपयोग किया जा रहा रास्ता ढलान के रूप में सीधे सड़क से जुड़ा है। तेज बारिश के कारण सड़क की ओर से आने वाली पानी भी इसी ढलान से बहकर मंदिर परिसर में पहुंच गया।
पूरा पानी निकलने के बाद शुरू होगा काम-
निमार्णाधीन टनल में पानी जमा होने के कारण यहां काम रुक गया है। अब पानी निकलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा। बारिश के दौरान मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि सबसे ज्यादा पानी निर्गम रैम्प से होकर नंदी हॉल की ओर ढलान से जमा हुआ था। निकासी के रास्ते पहले ही तैयार हो जाते, तो पानी यहां तक नहीं पहुंचता।
जुलाई 2015 में गर्भगृह में भी भर गया था पानी-
इससे पहले 21 जुलाई 2015 को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भी बारिश का पानी भर गया था। सुबह भस्मारती के लिए जब गर्भगृह के पट खोले गए, तो बाबा महाकाल जलमग्न थे। तय समय पर भस्मारती हुई और इसके बाद पानी खाली किया गया।
उज्जैन
दो कारण-जिनसे महाकाल मंदिर में घुसा बारिश का पानी
- 24 Jul 2023