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झारखण्ड

दंपाबेड़ा गांव में मिट्टी खाकर भूख मिटा रहे थे आदिवासी दंपति, इस हाल में मिले पति-पत्नी

  • 07 Feb 2023

पूर्वी सिंहभूम। पूर्वी सिंहभूम जिले के डुमरिया प्रखंड के दंपाबेड़ा गांव में पहाड़ पर रहने वाली विलुप्त प्राय आदिम जनजाति से आने वाला सबर दंपती दाने-दाने को मोहताज है। पति व पत्नी दोनों बीमार हैं, जिससे चलने-फिरने में असमर्थ हैं और कई दिनों से अपने लिए भोजन तक का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। हालत ऐसी हो गई है कि मिट्टी खाकर जीवन की जंग लड़ रहे हैं।
पंचायत की मुखिया फूलमुनि मुर्मू सबर दंपती की सुध लेने दंपाबेड़ा पहुंचीं तो टुना सबर की हालत देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए। टुना के पूरे शरीर का चमड़ा छोड़ चुका था और सिर्फ अस्थि-पंजर का ढांचा बचा है। भूख से पेट-पीठ दोनों सटकर एक हो गए हैं। पत्नी सुमी ने बताया कि कई दिनों से उन्हें भोजन नसीब नहीं हुआ है। इस कारण जंगली कंद-मूल और मिट्टी खाकर पानी पी लेते हैं। 
स्थानीय नेता के ट्वीट करने के बाद इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव ने संज्ञान लिया और डीसी को सबर दंपती की मदद का निर्देश दिया है। इसके बाद सोमवार को डीसीएलआर रवींद्र गागराई के नेतृत्व में प्रशासन और मेडिकल टीम गांव पहुंची। डीसी विजया जाधव ने बताया कि टुना सबर की स्वास्थ्य जांच करने चिकित्सकों की टीम भेजी गई है। जांच में पता चला कि टुना को चर्म रोग है। बेहतर इलाज के लिए एंबुलेंस से उसे डुमरिया सीएचसी लाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे जमशेदपुर सदर अस्पताल रेफर किया गया है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान