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भोपाल

दो माह में ही टूटे वंदे भारत के कांच

  • 22 Jun 2023

यात्रियों के सुहाने सफर का मजा करते हैं किरकिरा
 भोपाल। वंदे भारत ट्रेन अपनी सुविधाओं और गति को लेकर देश भर में चर्चित हो रही है। हर यात्री इसमें आरामदायक यात्रा करना चाहता है। वंदे भारत का प्रदेश का पहला रैक रानी कमलापति स्टेशन से निजामुद्दीन के बीच दौड़ रहा है जिसे खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। पिछले 60 दिनों में वंदे भारत ट्रेन से करीब सात हजार यात्री यात्रा कर चुके हैं। इससे रेलवे को अभी तक आठ करोड़ रुपये का राजस्व भी मिल चुका है, लेकिन इतने कम समय में ही इस ट्रेन की हालत बिगड़ती रही है। इसके रख-रखाव में कई खामियां नजर आने लगी हैं। ट्रेन के चार कांच टूट चुके हैं, जिन्हें एक पखवाड़े से अधिक बीतने पर भी सुधारा नहीं जा सका है। इन बोगियों, विशेषकर इन टूटी खिड़कियों की सीट पर बैठने वाले यात्रियों की यात्रा का मजा किरकिरा हो रहा है।
चेयर कार श्रेणी का किराया है 1735 रुपये
यह ट्रेन 700 किमी का सफर 7.30 घंटे में तय करती है। शनिवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है। भोपाल से चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस यही दूरी 8.35 घंटे में यही दूरी तय करती है।  ट्रेन में कैटरिंग वैकल्पिक है। लेकिन अधिक किराया देकर इसमें यात्रा करने वाले यात्रियों को तब अटपटा लगता है जब उन्हें शुरूआत की दो बोगियों के कांच ही चटके नजर आते हैं। यह इस ट्रेन पर समय-समय पर हुए पथराव के चलते टूटे हैं,लेकिन इनकी देखरेख में अधिकारियों की रुचि नहीं होने के चलते यह यात्रियों के यात्रा के आनंद को फीका करते हैं।