इंदौर। आजाद नगर और पलासिया थाना क्षेत्र में दो युवकों ने अपने घरों में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बताया जाता है कि एक युवक जहां पत्नी के द्वारा केस लगाए जाने और उसके चले जाने से तनाव में था तो वहीं दूसरा युवक एक्सीडेंट में चेहरा बिगड़ जाने के चलते तनाव में रहता था। दोनों ही मामलों में पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है।
पहली घटना में आजाद नगर पुलिस के मुताबिक दिनेश (39) पिता मांगीलाल नागर निवासी शिव नगर ने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। दिनेश को रात में भाई लखन ने फंदे पर लटके देखा था। रिश्तेदारों ने बताया कि दिनेश पर उसकी पत्नी ने दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा को लेकर कोर्ट केस किया था। बुधवार को उसकी उज्जैन कोर्ट में सुनवाई थी। बुधवार शाम को वहां से लौटने के बाद उसने फांसी लगा ली। रिश्तेदारों ने बताया कि दिनेश की शादी को करीब 17 साल हो गए हैं। पत्नी मनीषा ग्रेजुएट थी, जबकि दिनेश 12वीं तक ही पढ़ा था। दोनों के बच्चे होने के बाद पत्नी ने जॉब करने की इच्छा जाहिर की। इसके लिए मनीषा ने नर्सिंग की पढ़ाई भी। दिनेश ने पत्नी की पढ़ाई के दौरान पूरा खर्च उठाया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह इंदौर के निजी अस्पताल में जॉब करने लगी। इसके बाद दोनों में विवाद शुरू हो गए। रिश्तेदारों ने कहा कि मनीषा नहीं चाहती थी कि दिनेश ड्राइवर रहे। लेकिन दिनेश इसके अलावा कुछ और नहीं करना चाहता था। विवाद के चलते मनीषा अपने बच्चों के साथ पालदा इलाके में रहने चली गई। दिनेश ने इसके बाद पत्नी मनीषा पर वापस साथ रहने का दबाव बनाया। लेकिन मनीषा वापस आने को तैयार नहीं थी। कुछ समय बाद मनीषा ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का केस लगा दिया। परिवार ने आरोप लगाया कि दिनेश जब उज्जैन जाता तो उसे मनीषा और उसके पिता पप्पू राठौर धमकी देते थे। जिसके कारण वह काफी तनाव में रहने लगा। बुधवार को भी वह इसी केस में उज्जैन गया था। वहां से लौटने के बाद दिनेश ने फांसी लगा ली।
दूसरी घटना में पलासिया पुलिस ने बताया कि मृतक दिनेश (32) पिता रमेश डाकसे निवासी विनोबा नगर है। दिनेश की 9 साल की बेटी ने उसे सबसे पहले फांसी के फंदे पर लटके हुए देखा था। बुधवार को दिनेश काम पर नहीं गया था। उसने पत्नी रेणु से कहा था कि वह घर की सफाई कर देगा। लेकिन सुबह जब काफी देर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो बेटी ने बाहर से काफी देर तक आवाज लगाई। जब पिता दिनेश ने कोई जवाब नहीं दिया तो बेटी ने कूलर पर चढ़कर अंदर देखा। अंदर उसके पिता फंदे पर लटके हुए थे। उसने यह बात तत्काल मां और परिवार के लोगों को बताई। कुछ ही देर में पड़ोसी भी वहां पहुंचे। सभी ने मिलकर दरवाजा तोड़ा और दिनेश को फंदे से नीचे उतारा। दिनेश को तत्काल अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार और रिश्तेदारों ने बताया कि दिनेश घरों पर कलर के ठेके लेता था। वह काफी मिलनसार और खुश रहने वाला व्यक्ति था। करीब आठ माह पहले एक साइट पर काम करने के दौरान उसके चेहरे पर लकड़ी की भारी शीट गिर गई थी। इससे उसके चेहरे ओर सिर पर गंभीर चोट आई थी। दिनेश अक्सर शीशे में अपना चेहरा देखकर रोता रहता था। वहीं काफी बातें भूल जाता था। वह कई बार अपनी बेटी और पत्नी से कहता था कि उसका चेहरा बिगड़ गया। परिवार के मुताबिक संभवत: इसी कारण से उसने इस तरह का कदम उठाया है। पुलिस के मुताबिक उसके पास से किसी तरह का सुसाइड नोट नहीं मिला है।
इंदौर
दो युवकों लगाई फांसी, पुलिस जांच में जुटी
- 20 Apr 2023