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भोपाल

दिवाली तक गुलाबी ठंड, रात का तापमान 5 डिग्री गिरा; जबलपुर में बारिश के आसार

  • 15 Oct 2022

भोपाल। एमपी से मानसून विदा हो गया। रात का पारा 5 डिग्री तक गिर गया है। इससे सुबह तक ठंड का अहसास होने लगा है। हालांकि, अगले 10 दिनों में रात का तापमान 3 डिग्री तक बढ़ भी सकता है।
मध्यप्रदेश में 14 अक्टूबर को मानसून की विदाई हो गई। अब पोस्ट मानसून का सीजन शुरू हो गया है। पाकिस्तान से आने वाली हवाओं और मौसम से नमी खत्म होने से ठंड पडऩे लगती है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि अभी दिवाली तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। रात को हल्की ठंड और दिन में सूरज की तपिश हल्की गर्मी का एहसास कराएगा।
18 और 19 अक्टूबर को दक्षिण भारत में बारिश होगी। इससे नमी मध्यप्रदेश तक आएगी, लेकिन बारिश नहीं होगी। सिर्फ जबलपुर के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। बीते 10 साल में सबसे ज्यादा बारिश वाला अक्टूबर रहा। साल 2013 में अक्टूबर में 4 इंच बारिश हुई थी। मध्यप्रदेश में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। 48 घंटे में रात के तापमान में 4.8 डिग्री की गिरावट हुई। पारा सामान्य से 3 डिग्री नीचे आ गया। 48 घंटे पहले रात का तापमान 21.6 डिग्री दर्ज किया गया था। यह सामान्य से एक डिग्री ज्यादा था। शुक्रवार को रात का तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम 16.8 डिग्री दर्ज किया गया। भोपाल संभाग के रायसेन में रात का तापमान 14.5 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रदेश के आसपास कहीं प्रति चक्रवात बना तो ही अगले 10 दिन के अंतराल में रात का तापमान 3 डिग्री बढ़ सकता है। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि दिवाली तक रात के तापमान में तीन या चार डिग्री की और गिरावट हो सकती है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में मानसून का ट्रेंड भी बदल गया है। अब सामान्य तौर पर यह 3 दिन लेट होने लगा है। बीते 13 साल में सिर्फ 4 बार यह 15 जून के पहले आया, जबकि 9 साल 15 जून के बाद आया। इसका असर ठंड पर भी देखा जा रहा है। यही कारण है कि अक्टूबर में ही सर्दी का एहसास होने लगा है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि आमतौर पर प्रदेश में 15 जून तक मानसून की एंट्री हो जाती है। बीते वर्षों के रिकॉर्ड बता रहे हैं कि अब यह 3 दिन आगे बढ़ गया है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ऐसा हो रहा है।
पाकिस्तान से आने वाली हवाएं लाएंगी सर्दी
अलग-अलग सिस्टम कैस्पियन सागर, ब्लैक सी से ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए देश के उत्तरी हिस्से में पहुंचते हैं। ये यहां ट्रफ लाइन, ऊपरी हवा के चक्रवात, कम दबाव के क्षेत्र के रूप में आते हैं। ये पश्चिम से पूर्व की ओर जाते हैं। इसके कारण पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी होती है। फिर वहां से आने वाली बर्फीली और ठंडी हवा मध्यप्रदेश के मौसम को भी सर्द कर देती है।