जोधपुर। आधुनिक शाफ तकनीक भारतीय वायुसेना के लड़ाकू जेट विमानों को दुश्मन के इंफ्रारेड, राडार व मिसाइलों के खतरों से बचाने में काम आएगी। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की पुणे स्थित हाई एनर्जी मटीरियल्स रिसर्च लैबोरेट्री व जोधपुर की रक्षा प्रयोगशाला ने विकसित किया है।
रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर के निदेशक रवींद्र कुमार ने तकनीक के बारे में बताया, आज के युग में इलेक्ट्रॉनिक रणनीति का दायरा लगातार बढ़ रहा है। महंगे लड़ाकू जेट विमानों को इनसे बचाना महत्वपूर्ण हो गया है। इस शाफ तकनीक को रक्षा उद्योगों को दिया जा रहा है, ताकि भारतीय वायुसेना में इनकी बढ़ी हुई मांग को समय से पूरा किया जा सके।
शाफ तकनीक में कार्ट्रिज (छोटी ट्यूब के आकार के सख्त प्लास्टिक खोल) इस्तेमाल होते हैं।
कार्ट्रिज में विस्फोटक भरा होता है। इनका उपयोग विमान को दुश्मन की राडार द्वारा पहचानने से रोकने या उसकी मिसाइल के हमले विफल करने में होता है।
हमले के समय यह कार्ट्रिज विमान से छोड़े जाते हैं। ये दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उलझा कर बहुमूल्य जेट विमान को टारगेट बनने से बचा सकते हैं।
जोधपुर
देश के लड़ाकू विमानों को दुश्मन के रडारों-मिसाइलों बचाएगी शाफ
- 26 Aug 2021