Highlights

इंदौर

दो साल पढ़ाने वालों को तीन साल का अनुभव प्रमाण पत्र

  • 09 Feb 2020

इंदौर। मध्यप्रदेश में अतिथि शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र बनाने में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। सॉद्ब्रटवेयर की गड़बड़ी के कारण जिन अतिथि शिक्षकों ने 2 साल पढ़ाया है, उन्हें तीन साल का अनुभव प्रमाण पत्र मिल गया। मामला उजागर होने के बाद विभाग में सॉफ्टवेयर में तकनीकी सुधार की कवायद शुरू की जा रही है।
शिक्षा विभाग ने इस बार अनुभव प्रमाण पत्र जनरेट करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया पर जोर दिया था। जितने भी अतिथि शिक्षकों ने ऑनलाइन भुगतान प्राप्त किया उनका अनुभव प्रमाण पत्र तो तत्काल जनरेट हो गया, लेकिन उनका शिक्षण सत्र गलत दर्ज हुआ है। जिन अतिथि शिक्षकों ने केवल 2 सत्र अध्यापन कार्य किया उनका अनुभव प्रमाण पत्र तीन सत्र का बन गया। यह सब कुछ उसी सॉद्ब्रटवेयर द्वारा हुआ जिसकी विश्वसनीयता पर शिक्षा विभाग के अधिकारी कभी कोई संदेह नहीं करते।
तकनीकी गड़बड़ी
मध्यप्रदेश में पहले स्कूलों का शिक्षा सत्र 15 जून से शुरू होता था, लेकिन वर्ष 2016 में मध्यप्रदेश की सरकार ने एक नया फैसला लिया और शिक्षा सत्र 2017-18 की शुरुआत 1 अप्रैल से हुई। सरकार का फैसला लागू तो हो गया, लेकिन शिक्षा विभाग के सॉफ्टवेयर में इसका समायोजन नहीं किया गया। इस कारण शिक्षा विभाग के सॉफ्टवेयर में वर्ष 2017 से पहले वाले शिक्षा सत्र भी अप्रैल से शुरू हो रहे हैं। यही कारण है कि अनुभव प्रमाण पत्र में शिक्षा सत्र का उल्लेख गलत आ रहा है।
मिलेंगे बोनस अंक
शासन ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान अतिथि शिक्षकों को बोनस अंक देने का निर्णय लिया है। इसके लिए अतिथि शिक्षकों को अनुभव प्रमाण पत्र बनवाना जरूरी होगा। बाद में अनुभव प्रमाण पत्र दिखाने पर कोई फायदा नहीं होगा। इस कारण आयुक्त लोक शिक्षण ने सभी डीईओ व जेडी को अनुभव प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश जारी किए हैं लेकिन सॉफ्टवेयर में तकनीकी सुधार नहीं किए जाने से दो साल पढ़ाने वाले शिक्षकों को तीन वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र जारी हो रहे हैं।