शहर की उन्नति में योगदान देने वाले प्रबुद्धजनों को किया जाएगा सम्मानित
इंदौर। सन 1715 में करमुक्त शहर के रूप में इंदौर ने मालवा की सरजमीं पर व्यापार के नए अवसर उपलब्ध कराए थे। संस्थापक राव राजा राव नंदलाल मंडलोई ने शहर में व्यापार को विस्तार देने के लिए जयपुर के राजा सवाई राजा जय सिंह और दिल्ली की मुगल सल्तनत को इंदौर को ह्यचौथö (कर) मुक्त करने के लिए सहमत कर मालवा की उन्नति के लिए नए रास्ते खोल दिए। शहर की 300 सालों की इस विरासत का जश्न मानने के लिए हर साल की तरह इस बार भी 3 मार्च को रावजी बाजार स्थित बड़ा रावला में राव राजा राव नंदलाल मंडलोई जमींदार के वंशजों द्वारा इंदौर का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। हर वर्ष की तरह इस उत्सव को राव राजा श्रीकांत मंडलोई जमींदार, रानी माधवी मंडलोई जमींदार और युवराज वरदराज मंडलोई जमींदार द्वारा आयोजित किया जाएगा। युवराज वरदराज मंडलोई जमींदार कहते हैं कि पिछले दो वर्षों में कोविड महामारी के प्रकोप के कारण इस आयोजन को बेहद सादगी से मनाया गया था परंतु इस वर्ष इंदौर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें शहर की उन्नति में योगदान देने वाले प्रबुद्धजनों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही एक खास कवि सम्मलेन का आयोजन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को शहर के गौरवशाली इतिहास से रूबरू करवाने के साथ ही शहर की उन्नति के लिए काम करने वाले लोगों से परिचित करवाना भी है।
मंडलोई परिवार से ही होलकर रियासत को सौंपी गई थी इंदौर की जागीर
इंदौर के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए युवराज वरदराज ने कहा कि 18वीं शताब्दी में इंदौर एक छोटा-सा गांव था। इस गांव को मालवा की व्यापारिक राजधानी बनाने के श्रेय हमारे पूर्वज और इंदौर के पहले राजा राव राजा राव नंदलाल मंडलोई को जाता है। परमार काल से यहां मंडलोई वंश का शासन रहा है, तब राजकीय कार्य कंपेल से किए जाते थे। समय के साथ राजकार्य इंदौर से किया जाने लगा। राव राजा राव नंदलाल मंडलोई जयपुर के सवाई राजा जय सिंह के साथ घनिष्ठ संबंध रखते थे, और जयपुर राजघराना मुगलों के करीब था। इंदौर से करमुक्त व्यापार शुरू करने के लिए राव राजा राव नंदलाल मंडलोई ने ही मुगलों और मराठा शासकों को सहमत किया था, जिसके बाद कन्याकुमारी से लेकर चीन तक जो भी व्यापार इंदौर के जरिए किया जाता, वह करमुक्त कर दिया गया था। यह विश्व का पहला रऐ का उदाहरण है।
इंदौर
धूमधाम से मनाया जाएगा इंदौर का 306 वां जन्मोत्सव
- 28 Feb 2022