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चिंतन और संवाद

मोरारी बापू : धीरज रख।  वो रहमत की बरखा बरसा ही देगा...

धीरज रख।  वो रहमत की बरखा बरसा ही देगा। जिस मालिक ने दर्द दिया वो दवा भी देगा।  बस तू धीरज रख।