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धार जिले को नहीं मिला मंत्री पद, संसदीय क्षेत्र से तीन विधायक, पिछली सरकार में दो विधायक बने थे कैबिनेट मंत्री

  • 26 Dec 2023

धार। लंबे इंतजार के बाद सोमवार को डॉ. मोहन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। 18 कैबिनेट मंत्री समेत 28 मंत्रियों ने शपथ ली। हालांकि नई टीम में धार जिले से किसी भी स्थान नहीं मिला है। धार से विधायक नीना वर्मा लगातार चौथी मर्तबा धार से चुनाव जीतकर आई हैं। इसी तरह आदिवासी क्षेत्र से लाल सिंह ठाकुर भी दूसरी बार चुनाव जीते हैं। जिले को मंत्रिमंडल में भागीदारी नहीं मिलने से भाजपा कार्यकर्तार्ओं में मायूसी हैं।
संसदीय क्षेत्र से थे दो मंत्री
इंदौर संभाग का धार जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहां पर कुल 7 विधानसभा सीटें हैं। जिसमें से दो सामान्य सीटें भी शामिल हैं। इंदौर जिले की महू विधानसभा संसदीय क्षेत्र के हिसाब से धार में शामिल होती है। धार-महू संसदीय क्षेत्र से वर्तमान में छतर सिंह दरबार सांसद हैं। संसदीय सीट बात की जाए तो धार, धरमपुरी के बाद महू से उषा ठाकुर चुनाव जीती हैं। इस हिसाब से तीन भाजपा के विधायक हैं। 2020 में हुए उपचुनाव के बाद संसदीय सीट से दो विधायकों को मंत्री बनाया गया था, जिसमें बदनावर सीट से राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव व महू विधानसभा से उषा ठाकुर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। साथ ही कुछ दिन बाद बदनावर के नेता राजेश अग्रवाल को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया था, ऐसे में संसदीय क्षेत्र के तीन नेता भोपाल में थे।
जिला बना कांग्रेस का गढ़
प्रदेश की भाजपा सरकार के पास प्रचंड बहुमत हैं, विधानसभा चुनाव भी भाजपा के पक्ष में रहे हैं, लेकिन प्रदेश के परिणामों के विपरीत धार की स्थिति रही है। यहां पर जिले की 7 में से पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी विजय हुए हैं। मनावर, गंधवानी, सरदारपुर, कुक्षी व बदनावर सीटों पर कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव जीते हैं। इसी प्रकार की स्थिति 2018 के चुनाव परिणाम में भी सामने आई थी, तब धार सीट को छोडक़र कांग्रेस के 6 विधायक चुनकर सामने आए थे, हालांकि उपचुनाव के बाद कांग्रेस के पास पांच सीटें ही बची थीं। ऐसे में धार जिला पिछले लंबे समय से कांग्रेस का गढ़ बन चुका है।
कांग्रेस ने दिया नेता प्रतिपक्ष-
प्रदेश में कांग्रेस की बुरी स्थिति इस चुनाव में रही, कांग्रेस को 60 सीटों में से 8 प्रतिशत के करीब सीटें धार से ही मिली हैं। ऐसे में आदिवासी क्षेत्र में पकड़ को मजबूत रखने के लिए कांग्रेस ने विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया, जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि धार को एक मंत्री पद मिलेगा, जो समय-समय पर नेता प्रतिपक्ष को जिले में ही घेर कर रखे व सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कर सके। किंतु इसके विपरीत धार को स्थान नहीं मिला है।