50 लाख से अधिक ठगे, कुछ आरोपी सलाखों के पीछे तो कई गिरफ्त से दूर, कई गिरफ्त से दूर
इंदौर। शहर में ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह ऐसे मामले हैं, जिनमें पुलिस पूरी जांच के बाद ही केस दर्ज करती है। कई बार तो पुलिस की जांच लंबी चलती है और कई महिनों बाद जाकर केस दर्ज होता है। हालांकि पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद से इस तरह के मामलों में तत्काल कार्रवाई हो रही है। धोखाधड़ी के मामलों को देखा जाए तो 1 जनवरी से 13 मार्च 20 मामले ठगी के दजज़र््हुए हैं।
ठगों ने नए-नए तरीकों से लोगों को झांसे में लिया। इन मामलों में करीब 50 लाख से अधिक रुपए ठगों की जेब में चले गए। पुलिस के प्रयासों से कई ठग तो सलाखों के पीछे अपने किए की सजा भोग रहे हैं तो कई अभी भी पुलिस की नाक में दम किए होकर गिरफ्त से दूर हैं। पिछले दिनों भंवरकुआं क्षेत्र में महिला ठग ने युवक के साथ ठगी की थी। आरोपी महिला ने बैंक में खड़े होकर फोटो खींचा और युवक को बताया कि वह बैंककर्मी है, खाता संबंधी डिटेल चाहिए। जब युवक ने डिटेल भेजी तो ठगी का शिकार हो गया।
अधिकांश बदमाश बाहरी राज्यों के
ठगी की वारदात करने वाले अधिकांश बदमाश बाहरी राज्यों बिहार, झारखंड, चेन्नई, कोलकाता आदि के रहते हैं, जो किसी अन्य के दस्तावेज से सिम खरीदकर लोगों को फोन करते हैं। फोन करने के बाद जैसे ही युवक झांसे में आता है, सिम तोड़कर फेंक देते हैं। इससे आरोपी तक पहुंचना पुलिस के लिए काफी मुश्किल हो जाता है।
समझाइश के बाद भी शिकार
ठगी की वारदात रोकने कई बार पुलिस और क्राइम ब्रांच लोगों को समझाइश दे चुकी है। इसके बावजूद लोग लालच में आकर ठगी के शिकार हो जाते हैं। कुछ शिकार तो पुलिस को शिकायत तक नहीं करते। इसके पीछे मूल कारण यह बताया जा रहा है कि वे ठगी के पैसे को एक नंबर में दशाज़् देते हैं। इससे उन्हें आयकर में फायदा होता है।
ठगी के तरीके
-शेयर बाजार में निवेश करने के नाम पर।
-बैंक में केवायसी कराने।
-प्लॉट के नाम पर।
-फर्जी दस्तावेज बनाकर।
-लोन दिलाने और इनामी राशि खुलने के नाम पर।
-शासकीय दस्तावेज तैयार करने।
-शासकीय नौकरी लगाने।
इस संबंध में उपायुक्त क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल का कहना है कि ठगी की शिकायत मिलने के बाद लगातार पुलिस कारज़्वाई कर रही है। कई ठगों को गिरफ्तार कर लोगों के पैसे वापस कराए हैं। कुछ ठग गिरफ्त से दूर हैं, उनकी धरपकड़ के लिए टीमें गठित की हैं। लोगों को भी लालच से दूर रहना चाहिए। लोगों में जागरूकता आते ही वारदातें खुद-ब-खुद खत्म हो जाएंगी।
अशांति फैलाने वाले गुंडे-बदमाशों पर रखें नजर -डीसीपी
आगामी होली, धुलेंडी और शब-ए-बराअत को लेकर पुलिस सक्रिय हो गई है। दोनों पर्वों को शांतिपूर्वक मनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारी बैठकें ले रहे हैं। बैठकों में दोनों प्रमुख धर्मों के लोगों से उत्साह, उल्लास और उमंग के साथ पर्व मनाने की अपील की है। थाना स्तर पर भी शांति समितियों की बैठक आयोजित की गई है। डीसीपी-2 संपत उपाध्याय ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे अशांति फैलाने वालों गुंडों-बदमाशों पर खास निगरानी रखें। बता दें कि कोरोना संक्रमण के चलते दो साल से पर्वों पर प्रतिबंध लगे हुए थे। इस वर्ष कोरोना के लगभग समाप्त होने के बाद शासन ने पर्व को उत्साह से मनाने की घोषणा की थी। शासन की घोषणा के बाद उत्सव समितियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। शहर में कुछ इलाके ऐसे हैं, जिन्हें संवेदनशील क्षेत्रों की संज्ञा दी गई है। ऐसे क्षेत्रों में किसी प्रकार की अशांति नहीं फैलती है, फिर भी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस शांति व्यवस्था कायम रखने की तैयारी कर रही है। इसी क्रम में रविवार को जहां सदर बाजार संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस ने शांति समिति की बैठक ली, वहीं सोमवार को जोन क्रमांक 2 के उपायुक्त (डीसीपी-2) संपत उपाध्याय ने खजराना में बाइक से फ्लैग मार्च किया। इसके पश्चात एमआईजी थाने पर बैठक ली। बैठक में थाना प्रभारी को भी निर्देश दिए कि अशांति फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। गुंडे-बदमाशों पर नजर रखें। कुछ साल पहले नशीली दवा नाइट्रावेट खाकर चार-पांच बदमाशों ने धुलेंडी और रंगपंचमी पर राहगीरों को चाकू मारे थे। एक ही दिन में सात-आठ वारदातें हो गई थीं। इसी को ध्यान में रखते हुए बैठक ली गई है।
DGR विशेष
नए-नए तरीकों से हो रही ठगी ... नए साल में अब तक धोखाधड़ी के 20 मामले दर्ज
- 15 Mar 2022