नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा परिजोयना के तहत बनाए जा रहे नए संसद परिसर और भवनों में कम से कम 16,000 गाड़ियों को पार्क करने की सुविधा होगी। इसका मतलब यह हुआ कि यहां ट्रैफिक एक बड़ी समस्या बनकर उभर सकती है। इस परियोजना के वास्तु सलाहकार ने कहा कि भीड़भाड़ और यातायात की आवाजाही पर प्रभाव ना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएंगे।
एक अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, परियोजना का काम संभाल रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अनुसार आम केंद्रीय सचिवालय भवनों, केंद्रीय सम्मेलन केंद्र, एसपीजी, प्रधानमंत्री आवास और उपराष्ट्रपति के भवन में 14095 वाहनों के लिए पार्किंग की जगह उपलब्ध कराई जाएगी।
इसमें से 13,719 कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग और कॉन्फ्रेंस सेंटर में होंगे। इसके अलावा सलाहकार ने जानकारी दी कि एक हजार से ज्यादा कारों और लगभग 30 बसों के लिए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के साथ पार्किंग की सुविधा विकसित की जाएगी। मौजूदा समय में यहां 600 कारें खड़ी हो सकती हैं।
एचसीपी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, नए संसद भवन और प्रस्तावित एमपी कक्षों में करीब 900 वाहनों के लिए भूतल और बेसमेंट पार्किंग होगी। मौजूदा समय में नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के पीछे के कार्यालयों से काम कर रहे लगभग 9,000 लोगों को सेंट्रल विस्टा क्षेत्र के बाहर के कार्यालयों में लाया जाएगा।
हालांकि सिविल सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि ये परियोजना मौजूदा यातायात की भीड़ को बढ़ाएगी। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, इंडिया गेट पर सी-हेक्सागोन पर ट्रैफिक वॉल्यूम प्रति घंटे लगभग 5500 यात्री कार यूनिट है। बता दें कि महामारी से पहले औसत यातायात गति 40-45 किमी प्रति घंटे थी।
वहीं सिविल सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि सरकार को यातायात प्रभाव के आकलन को सार्वजनिक करना चाहिए। सीपीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इसे लेकर विस्तृत अध्ययन किया है और यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर सेंटर को यातायात सुधार के लिए अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जो शीर्ष निकाय है और दिल्ली में सभी परिवहन और यातायात से संबंधित परियोजनाओं को मंजूरी देता है।
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