इंदौर। नकली नोट छापने और उन्हें बाजार में खपाने के मामले में पकड़ाए मुख्य सरगना ने पुलिस की पूछताछ में कई चौकाने वाली जानकारी दी है। सरगना राजेश ने बताया कि नोटों की डिलीवरी चार्टर्ड बस से करता था। वह एक साल से इस गोरखधंधे में लिप्त था। अब तक यवतमाल, खंडवा, इंदौर और उज्जैन में नोटों को खपा चुका है।
50 के नोट भी छापे
बदमाश ने मार्च-अप्रैल में 2000 के नोट चलाए थे, लेकिन जब रिजर्व बैंक ने उनके चलन को लेकर आदेश दिया तो इन नोटों को छापना बंद कर 50 के नोट प्रिंट किए और बाजार में चलाए। 50 के नोट से कमाई कम होने लगी तो 500 रुपए के नोट का काम शुरू किया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह वर्ष 2003 में भोपाल में नकली डिमांड ड्राफ्ट बनाता था। वर्ष 2009 में उसने देवास में फर्जी डीडी बनाकर गाड़ी फाइनेंस करवा ली थी, लेकिन पकड़ा गया। इसके बाद आरोपी द्वारा नोट छापने का काम शुरू किया था।
इसलिए शुरू किया नोट छापने का काम
वह दो बार नकली डिमांड ड्राफ्ट छापने में पकड़ा गया था। इससे उस पर कर्ज हो गया था। कर्ज उतारने के लिए नोट छापना शुरू किया था। मुख्य सरगना बैतूल का रहने वाला है। उसके फ्लैट से पुलिस ने प्रिंटर, स्कैनर और नोट छापने का सामान जब्त किया था।
इंदौर
नकली नोटों की डिलीवरी चार्टर्ड बसों से करता था सरगना, अन्नपूर्णा पुलिस की पूछताछ में नया खुलासा
- 11 Oct 2023