नरसिंहपुर। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए शासन-प्रशासन द्वारा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक बहुत से लोगों की ये शिकायत रही है कि टीका लगवाने के लिए पोर्टल पर उनके पंजीयन नहीं हो रहे हैं। दूसरी ओर हैरत में डालने वाली बात ये है कि जिले में कई ऐसे लापरवाह लोग भी रहे हैं, जिन्होंने पंजीयन कराने के बावजूद केंद्रों पर जाकर टीका लगवाना उचित नहीं समझा। इसके चलते लाखों की वैक्सीन बर्बाद हो गई। इस तरह की प्रवृत्ति को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा ने टीकाकरण की नई व्यवस्था बनाई है। इसके तहत 31 मई से केंद्रों पर आने वाले लोगों का आन स्पॉट पंजीयन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में इस वर्ष 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के अंतर्गत अभी तक 1 लाख 47 हजार 507 लोगों को कोविशील्ड व कोवैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है। इनमें से अधिकांश लोगों को कोविशील्ड लगाई गई है। बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जिन्हें कोवैक्सीन के पहले-दूसरे डोज लगे हैं। विभाग के अनुसार जिले में अब तक जितने भी डोज लगे हैं उनमें से 6 फीसद डोज पंजीयन कराने वाले लोगों की लापरवाही के चलते बर्बाद हुए हैं। आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो बर्बाद होने वाले डोज की संख्या करीब 8850 रही है। स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार पिछले दिनों जिले के चिंहित केंद्रों पर टीकाकरण कराने के लिए बड़ी संख्या में पंजीकृत लोगों की भीड़ उमड़ी थी। इस दौरान कई लोग टीका लगवाने या तो पहुंचे ही नहीं या फिर भीड़ देखकर वे अपने-अपने घरों की ओर चले गए। चूंकि वैक्सीन के एक वायल में 10 डोज होते हैं, इसलिए केंद्रों पर पंजीयन के हिसाब से ही ये वायल उपलब्ध कराए जाते हैं। एक बार वायल खुलने के बाद उसमें शेष रह गई वैक्सीन को अगले दिन इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। नतीजतन केंद्रों पर वायल में शेष रह गए डोज बर्बाद हो गए। महकमे के अनुसार बर्बाद होने वायल शाम 4 बजे के बाद खोले गए थे। जिले में इस तरह के बर्बाद हो रहे डोज के आंकड़े का विश्लेषण करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अब ये रणनीति बनाई है कि अब 3 बजे तक कम से कम 8 लोगों के मौके पर उपलब्ध होने पर वैक्सीन का वायल खोला जाएगा। यदि तीन से चार डोज फिर भी बचते हैं तो स्वास्थ्यकर्मी पंजीकृत व्यक्ति के घर जाकर या केंद्र से मोबाइल पर संपर्क कर व्यक्ति को डोज लगाएंगे।
बाजार में कोविशील्ड का एक डोज 600 रुपये का: जिले के विभिन्न् स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही कोविशील्ड की एक डोज 400 रुपये की पड़ रही है। हालांकि सरकारी अस्पतालों-स्वास्थ्य केंद्रों में इसका टीकाकरण निशुल्क है। वहीं निजी अस्पतालों की बात करें तो कोविशील्ड का यही डोज 600 रुपये में एक लग रहा है। बाजार कीमत के आधार पर देखें तो जिले में अब तक खराब हुए 8850 डोज का अनुमानित मूल्य 53 लाख 10 हजार रुपये बैठता है।
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