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नवदुर्गा के ये गुण हर नारी को अपनाने चाहिए

  • 06 Oct 2023

शारदीय नवरात्रि का पर्व भारत में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 15 अक्तूबर को मनाई जाएगी। वहीं 23 अक्तूबर को महानवमी मनाई जाएगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती हैं। मां दुर्गा के नौ स्वरूप उनके नौ गुणों का प्रतीक हैं। धैर्य, सहनशीलता, भक्ति, शक्ति, तपस्या, साहस, धर्म, पवित्रता और सिद्धि के महत्व को समझाने के लिए नवरात्रि का पर्व एक प्रतीक के तौर पर मनाते हैं। इस दौरान व्रत किया जाता है और पूजा अर्चना करते हैं। 
यह पर्व भक्ति, साहित्य, संगीत और कला को दर्शाता है। समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत बनाता है। नवदुर्गा के गुणों को अपनाकर नारी शक्ति की विस्तार किया जा सकता है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर न स्वरूपों के माध्यम से जीवन को बेहतर और सफल बनाने के लिए नौ गुणों को अपनाएं।
मां शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को धैर्य का स्वरूप माना जाता है। मां शैलपुत्री से हमें धैर्य और सहनशीलता का गुण अपनाना चाहिए। हमें कभी भी असफलता का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में धैर्य के साथ सफलता की प्राप्ति का प्रयास किया जा सकता है।
मां ब्रह्मचारिणी
मां ब्रह्मचारिणी तपस्या का स्वरूप हैं। माता का यह स्वरूप हमें तपस्या और संयम की महत्वपूर्णता की सीख देता है। हर व्यक्ति को अपनी इच्छाशक्ति को नियंत्रित करते हुए निष्कलंक उद्देश्य के लिए कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए।
माता चंद्रघंटा
नवरात्रि के तीसरे दिन नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा भक्ति का स्वरूप हैं। मां का यह स्वरूप भक्ति और सेवा का गुण सिखाता है। हमें दूसरों के साथ सहयोग करने और सेवा करने की भावना विकसित करनी चाहिए।
मां कुष्मांडा 
साहस का स्वरूप मां कुष्मांडा भी अच्छे गुणों की सीख देती हैं। मां कूष्माण्डा साहस और उत्साह की महत्वपूर्णता सिखाती हैं। हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए बहादुरी और साहस दिखाने की आवश्यकता होती है।
मां स्कंदमाता
मां स्कंदमाता मातृत्व और संतानों के प्रति देखभाल की सीख देती हैं। एक आदर्श नारी में मातृत्व का गुण होना आवश्यक होता है।
मां कात्यायनी
माता कात्यायनी को धर्म का स्वरूप कहा जाता है। यह स्वरूप हमें धर्म और न्याय के प्रति समर्पण की महत्वपूर्णता सिखाता है। हमें सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
मां कालरात्रि
नवदुर्गा का स्वरूप मां कालरात्रि विनाश का स्वरूप है। इस स्वरूप के माध्यम से हमें विनाश की शक्ति और समय के साथ अंत का सामना करने की योग्यता सिखाता है। हमें अनावश्यक और हानिकारक चीजों का त्याग करना चाहिए।
मां महागौरी
पवित्रता का स्वरूप मां महागौरी हमें पवित्रता और शुद्धता की महत्वपूर्णता सिखाता है। हमें अपने जीवन में पवित्रता का पालन करना चाहिए और बुराई से दूर रहना चाहिए।
मां सिद्धिदात्री
नवदुर्गा का नवां स्वरूप मां सिद्धिदात्री हैं। मां सिद्धिदात्री हमें आत्मसमर्पण और साधना के महत्व की शिक्षा देती हैं। साधना के माध्यम से आत्मा के विकास का प्रयास करना चाहिए।
साभार अमर उजाला