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इंदौर

निगम का खजाना खाली होने के कारण प्रभावित हो रहा है शहर का विकास ...

  • 12 Dec 2023

-टैंडर नहीं होने की वजह स छोटी ग्वालटोली व आरएनटी मार्ग का डामर पेंचवर्क शुरु नहीं हो सका  
इंदौर । नगर निगम के खाली खजाने का असर अब शहर के विकास कार्यों पर भी पडऩे लगा है। सडक़ बनाने से लेकर अन्य कार्य करने को लेकर टेंडर एक बार में नहीं आ रहे और एक ही काम के दो से दस बार टेंडर जारी करना पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं खाली खजाने के कारण कायाकल्प अभियान के काम भी प्रभावित हो रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री ने अभियान के तहत निगम को अलग से फंड दिया है। यह फंड भी निगम ने अपने अन्य कार्य में लगा लिया।
निगम की आर्थिक कमर टूट गई है। खजाने में पैसा है नहीं और कर्ज में डूबता जा रहा। वेतन, पेंशन बांटने के साथ अन्य खर्च उठाने के साथ ठेकेदारों को देनदारी निपटाने में निगम को पसीने छूट रहे हैं। खाली खजाने का असर शहर के 85 वार्डो के कॉलोनी-मोहल्लों में सडक़ बनाने, पेवर ब्लॉक लगाने, डामर पेचवर्क करने, बगीचों को संवारने, ड्रेनेज और पानी की पाइप लाइन डालने, बैकलाइन की सडक़ बनाने, नालियों की सफाई, ड्रेनेज के टूटे ढक्कन बदलने, पानी निकासी के लिए स्ट्रॉर्म वॉटर लाइन डालने, सरकारी स्कूलों में निर्माण, स्ट्रीट लाइट सुधारने व बदलने, पुल-पुलियाओं का निर्माण, बैकलाइन एवं स्ट्रॉम वाटर लाइन की सफाई और अन्य कई छोटे-बड़े कामों पर पडऩे लगा है। इन कामों को करने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए के टेंडर जारी किए जा रहे हैं, लेकिन खजाने में पैसा नहीं होने से कोई ठेकेदार टेंडर नहीं डाल रहा रहा है। इस कारण एक ही काम को करने के लिए दो से दस बार टेंडर का करना पड़ रहे है।
इधर, निगम के खाली खजाने का असर कायाकल्प अभियान के तहत होने वाले सडक़ों के संधारण और मरम्मत के कार्य पर भी पडऩे लगा है। अभियान के तहत निगम ने शहर की 18 सडक़ों को चिह्नित कर टेंडर जारी किए। 18 में से 16 सडक़ों के टेंडर आने के बाद मंजूरी देकर ठेकेदार एजेंसी तय कर दी और कुछ जगह काम भी शुरू करवा दिया गया। इन सडक़ों में से एक जोन 11 के वार्ड 55 के अंतर्गत आने वाले छोटी ग्वालटोली, आरएनटी मार्ग का डामर का पेंचवर्क का कार्य करने का टेंडर भी आ गया था। छठी बार टेंडर करने पर निगम को ठेकेदार मिला था। जिस ठेकेदार ने डामर पेंचवर्क करने का काम लिया था। उसने काम शुरू करने से पहले निगम से तकरीबन 5 लाख रुपए मांगे। निगम की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर ठेकेदार को पैसा नहीं मिला और उसने काम करने से इनकार कर दिया। इस पर निगम ने मंजूर टेंडर को कैंसल कर फिर से सातवीं बार निविदा जारी कर दी है। डामर पेंचवर्क 39 लाख 77 हजार रुपए की लागत से होना है।
इन 2 रोड के भी नहीं आए टेंडर
जोन 11 के वार्ड 60 में श्री टॉवर के पीछे वेयर हाउस रोड स्थित गलियों में क्षतिग्रस्त रोड का सीमेंटीकरण करना। लागत 12 लाख 96 हजार रुपए है। जोन 12 में वार्ड 61 के भाट मोहल्ला मेन रोड का निर्माण करना। लागत 32 लाख 69 हजार रुपए है। इन दोनों रोड के लिए चार से नौ बार टेंडर कर दिए गए, मगर कोई ठेकेदार टेंडर डालने नहीं आया। मालूम हो कि फरवरी- 2023 को कायाकल्प अभियान के तहत सडक़ों के संधारण एवं मरम्मत का कार्य करने के लिए प्रदेश के 413 नगरीय निकायों के लिए 750 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इसमें से सडक़ों के कायाकल्प को लेकर पहले चरण में 350 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश की नगरीय निकायों में भेज दिए गए। इंदौर नगर निगम को शहर की क्षतिग्रस्त सडक़ों को सुधारने के लिए 25 करोड़ रुपए मिले है। राशि मिलते ही सडक़ों की हालत सुधारने को लेकर निगम के जनकार्य विभाग ने टेंडर जारी कर दिए, लेकिन 18 में से 3 सडक़ अभी भी टेंडर में ही उलझी पड़ी है।