इंदौर। नाबालिग लडक़ी का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने आरोपी को बीस साल की सजा सुनाई है। पीडि़त बालिका को 40 हजार रुपए की राशि प्रतिकर के रूप में दिलाए जाने की अनुशंसा की है। न्यायालय तेरहवें अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) इंदौर सुरेखा मिश्रा ने थाना द्वारिका पुरी के केस में फैसला सुनाया है।
आरोपी राकेश उम्र 26 वर्ष को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376(3) व पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एल)/6 में 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास तथा धारा 366 भादंसं में 7 साल का सश्रम कारावास और धारा 344 में 3 साल की सजा सहित कुल 6 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुशीला राठौर द्वारा की गई।
दरअसल, बालिका की मां ने 31 जुलाई 2020 को पुलिस थाना द्वारकापुरी इंदौर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लडक़ी का जन्म 27 जनवरी 2005 हो हुआ था। बेटी 31 जुलाई 2020 को सुबह करीब 6.30 बजे घर से काम पर जाने का बोलकर गई थी, लेकिन वापस नहीं आई।
मां ने तलाश किया तो पता चला कि बेटी काम पर नहीं पहुंची। इसके बाद आसपास की कॉलोनी और रिश्तेदारों के यहां ढूंढा गया लेकिन कोई पता नहीं चला। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर बेटी की तलाश शुरू की।
पुलिस ने लडक़ी को ढूंढ निकाला। पूछताछ में लडक़ी ने बताया कि आरोपी उसे बहला-फुसलाकर ले गया था। उसके साथ ज्यादती की। पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया, जिसके बाद आरोपी को बीस साल की सजा सुनाई गई है।
इंदौर
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा
- 25 Jun 2024