दोनों ड्राइवर की लापरवाही से गई 9 जानें
रीवा, (एजेंसी)। मैहर के नादन थाना क्षेत्र में 28 सितंबर की रात करीब 11 बजे जिस जगह बस ने डंपर को पीछे से टक्कर मारी, वह थाने से महज 200 मीटर दूर है। अब तक की पुलिस जांच में हादसे में डंपर और बस ड्राइवर दोनों की ही लापरवाही सामने आई है। दोनों फरार हैं। पुलिस ने बस और डंपर को जब्त कर थाने में खड़ा करवा लिया है।
हादसे में 9 लोगों की जान चली गई थी जबकि 24 घायल हैं। 9 को अमरपाटन, 7 को मैहर सिविल हॉस्पिटल और 8 को सतना जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
25 मिनट लेट थी बस, 120 की स्पीड में दौड़ा रहा था ड्राइवर
आभा ट्रैवल्स की स्लीपर कोच बस अयोध्या से रीवा होते हुए नागपुर जा रही थी। इसमें 45 यात्री सवार थे। बस शनिवार दोपहर 2 बजे अयोध्या से चली और तय समय से 20 मिनट लेट 10 बजकर 20 मिनट पर रीवा पहुंची। उसे सुबह 9:30 बजे नागपुर पहुंचना था। लंबे रूट की बस में दो ड्राइवर थे। हादसे के वक्त सेकंड ड्राइवर रोहिणी विश्वकर्मा गाड़ी चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस की स्पीड करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे थी। नेशनल हाईवे 30 पर डंपर आधी सड़क घेरकर खड़ा था। स्पीड ज्यादा होने के कारण ड्राइवर बस कंट्रोल नहीं कर सका। जब तक वह कुछ समझ पाता, इससे पहले ही बस डंपर से जा टकराई।
सवारी-लगेज को लेकर मारामारी, ओवर स्पीड में चलाते हैं गाड़ियां
रीवा बस स्टैंड प्रबंधन के मुताबिक, यहां से नागपुर के लिए 50 से ज्यादा बसें चलती हैं। सभी बसों की टाइमिंग शाम 6 बजे से लेकर रात 11 बजे तक है। सवारी और लगेज को लेकर मारामारी रहती है। जल्दी पहुंचने के चक्कर में ड्राइवर ओवर स्पीड में गाड़ियां चलाते हैं।
डंपर में न बैक लाइट थी, न रेडियम; बस का ड्राइवर देख ही नहीं पाया
छत्तीसगढ़ पासिंग 12 पहिया डंपर की क्षमता 20 टन है लेकिन उसमें करीब 40 टन पत्थर भरे थे। हादसे से एक घंटे पहले डंपर पंक्चर हो गया था। सड़क के नीचे गड्ढा और गीली मिट्टी थी। धंसने के डर से ड्राइवर ने सड़क पर ही डंपर खड़ा कर दिया। डंपर में बैक लाइट या इंडिकेटर और रेडियम भी नहीं था, जिससे दूसरे वाहन के ड्राइवर को वह दूर से दिख सके। डंपर आधी सड़क घेरकर खड़ा था। उसका ड्राइवर गाड़ी छोड़कर 250 मीटर दूर ढाबे पर चाय पीने चला गया था। जब वह लौटकर आया, तब तक हादसा हो चुका था। घबराकर वह वहां से फरार हो गया।
ओवरलोडिंग इतनी कि टक्कर के बाद डंपर जरा सा खिसका
पुलिस के मुताबिक, डंपर में ओवरलोडिंग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बस की इतनी तेज टक्कर के बाद भी डंपर जरा सा खिसका था। वहीं, बस का कंडक्टर साइड का हिस्सा बुरी तरह चकनाचूर हो गया था। सबसे ज्यादा मौतें और नुकसान भी इसी साइड में हुआ। हादसे में बस कंडक्टर लाल सिंह यादव की भी मौत हो गई। वह यूपी के प्रतापगढ़ के कोतवाली थाना क्षेत्र के मल्याना टोला का रहने वाला था। पुलिस का कहना है कि खाली डंपर से टक्कर होती तो इतनी जनहानि नहीं होती।
प्रत्यक्षदर्शी बोला- चार शव बाहर पड़े थे, अंदर मची थी चीख-पुकार
राजेश मिश्रा केजेएस कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड हैं। वे हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया, ह्यबस के अंदर चीख-पुकार मची थी। थाना 200 मीटर की दूरी पर होने के कारण पुलिस भी तत्काल पहुंच गई थी। सतना से पुलिस बल पहुंचने में समय लगता। लिहाजा, हमने पुलिस के साथ मिलकर गैस कटर से बस के एक हिस्से को काटना शुरू किया ताकि जल्द घायलों को निकाला जा सके। क्षतिग्रस्त हिस्से को काटने के बाद हम बस के अंदर पहुंच पाए। घायलों को निकालकर एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भेजा गया।
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न रेडियम न इंडिकेटर, सड़क किनारे खड़ा था डंपर, 120 की स्पीड से जा घुसी बस
- 01 Oct 2024