शहडोल। शहडोल जिले के ब्योहारी में रेत के अवैध खनन को रोकने गए पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की हत्या के मामले में प्रशासनिक अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं। तहसीलदार दिलीप शर्मा बोल रहे हैं कि एसडीएम और कलेक्टर के आदेश के बाद ही पटवारियों को कार्रवाई के लिए भेजा था।
इसके उलट, कलेक्टर वंदना वैद्य का कहना है, ह्यतहसीलदार और एसडीएम को टीम बनाने के लिए कहा गया था। उन्होंने ही पटवारियों की टीम बनाई थी।ö कलेक्टर वैद्य का ये भी कहना है कि पटवारियों को निगरानी के लिए कहा था, न कि एक्शन लेने के लिए।
बता दें, 25-26 नवंबर की दरमियानी रात सोन नदी के किनारे चल रहे अवैध रेत खनन को रोकने गए पटवारी प्रसन्न सिंह की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। उनके परिजन ने सवाल उठाए हैं कि बिना सुरक्षा के पटवारियों को कार्रवाई के लिए क्यों भेजा गया? उन्होंने बघेल की मौत के लिए तहसीलदार और आला अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।
इन आरोपों के बाद अधिकारियों से मामले को लेकर सवाल पूछे। सभी अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
तहसीलदार बोले- मुझसे नहीं, कलेक्टर-एसडीएम से पूछिए
पटवारी प्रसन्न सिंह की हत्या के लिए तहसीलदार दिलीप शर्मा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उन्होंने ही अवैध रेत खनन को रोकने के लिए पटवारियों की ड्यूटी लगाई थी। प्रसन्न सिंह की बेटी दीया सिंह ने भी भास्कर से बातचीत में तहसीलदार की भूमिका पर सवाल उठाए थे।
इन सभी आरोपों का जवाब जानने जब टीम शर्मा से मिली तो उन्होंने कहा, ह्यअवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई कलेक्टर और एसडीएम के आदेश पर की जा रही थी।ö तहसीलदार से ये पूछने पर कि सारे आरोप आप पर ही लग रहे हैं, उन्होंने झल्लाकर कहा- हमसे क्या पूछ रहे हैं, कलेक्टर और एसडीएम से पूछिए।
दिलीप शर्मा ने ये भी कहा कि उस रात एसडीएम के आदेश के बाद हम सभी लोग सोन नदी पर पहुंचे थे। जब उनसे पलटकर सवाल पूछा कि क्या आप मौके पर मौजूद थे? इस सवाल का तहसीलदार दिलीप शर्मा ने कोई जवाब नहीं दिया। वे यह दोहराते रहे कि जितना कलेक्टर ने कह दिया है, बस उतना ही सच है।
राज्य
पटवारी हत्याकांड में अधिकारी आमने-सामने, कलेक्टर बोलीं- तहसीलदार ने पुलिस क्यों नहीं बुलाई; तहसीलदार ने कहा- कलेक्टर के आदेश पर ही गए
- 02 Dec 2023