भोपाल। वर्ष 2007 में हुए बहुचर्चित पत्रकार पवन विद्रोही हत्याकांड के सभी सात आरोपियों को सोमवार को अष्टम सत्र न्यायाधीश यतेश सिसोदिया ने बरी कर दिया। आरोपियों ने 14 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी। न्यायाधीश ने 130 पेज के फैसले में लिखा कि हत्याकांड में सीबीआई ने ठीक से जांच नहीं की। वो कोई भी पुख्ता सबूत और गवाह नहीं ढूंढ पाई।
उल्लेखनीय है कि 3 जुलाई 2007 को जेके रोउ पर पवन और उनके ड्राइवर सरदार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के वक्त कार में पवन के साथ उनके साले राजेंद्र आम्रपाली और मुकेश जैन मौजूद थे। इन्होंने ने ही पुलिस को घटना की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने राजेंद्र, मुकेश, राजेश जैन, सुनील भदौरिया, मेवालाल, जीतेंद्र और आरिफ को आरोपी बनाया था। इनके खिलाफ कोर्ट में चालान भी पेश किया गया। पवन की पत्नी ने पुलिस जांच पर सवाल उठाए तो हाईकोर्ट ने केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया।
भोपाल
पत्रकार पवन विद्रोही हत्याकांड-7 आरोपी 14 साल बाद बरी
- 24 Aug 2021