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गुना

पहले लाश को दफनाया, फिर 4 साल बाद जलाया

  • 12 Jan 2024

आत्माराम मर्डर केस के आरोपी एसआई  की करतूत; पुलिस का दावा- मिले सबूत
गुना\भोपाल। गुना जिले के आत्माराम पारदी हत्याकांड की जांच कर रही सीआईडी ने एक बड़ा खुलासा किया है। आरोपी एसआई रामवीर सिंह जिस गाड़ी में आत्माराम को अपने साथ ले गया था। उसमें पुलिस को खून के धब्बे मिले थे। पुलिस ने इस गाड़ी के फर्जी रजिस्ट्रेशन करने के आरोप में आरोपी एसआई और तत्कालीन आरटीओ और एक बाबू के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई है।
आठ साल पुराने इस हत्याकांड में पुलिस आत्माराम की लाश बरामद नहीं कर सकी। पुलिस का दावा है कि आरोपी और बर्खास्त एसआई रामवीर ने आत्माराम की लाश को ठिकाने लगा दिया है। लाश को ठिकाने लगाने की  जो कहानी पता चली वो दृश्यम फिल्म की कहानी की तरह है। रामवीर ने अपने पुलिसिया दिमाग का इस्तेमाल करते हुए लाश का आज तक सुराग लगने नहीं दिया।
कार जिसके नाम पर रजिस्टर्ड वो अस्तित्व में नहीं : पुलिस
घायल आत्माराम को रामवीर सिंह अपनी कार एमपी 08 सीए 0022 में लेकर गया था। पुलिस ने इसे उसके घर के बाहर से जब्त किया। जब इस कार के मालिक की तलाश की तो पता चला कि कार पुलिस लाइन गुना में रहने वाले संजय सिंह पुत्र बहादुर सिंह कुशवाह के नाम से रजिस्टर्ड है। सीआईडी जब इस पते पर पहुंची तो ऐसा कोई शख्स नहीं मिला।
गुना एसपी ने भी बताया कि ऐसा कोई पुलिसकर्मी कभी पदस्थ नहीं रहा। इस पते पर उस समय एसआई दिलीप सिंह कुशवाह रहते थे। जब वे यहां रहते थे तब उनका भाई संजय भी साथ रहता था। दिलीप कुशवाह ने बताया कि उनके पिता का नाम लाल बहादुर सिंह कुशवाह है ना कि बहादुर सिंह कुशवाह।
ये कार इंदौर की एजेंसी से खरीदी गई थी। कार खरीदते समय मोबाइल नंबर 8819974000 दर्ज कराया गया था। ये मोबाइल एसआई रामवीर सिंह के भांजे हेमंत सिंह सोलंकी का था। हेमंत एटीएस भोपाल में आरक्षक है। सीआईडी ने हेमंत से पूछताछ की तो उसने बताया कि 2013-14 में पुलिस भर्ती की तैयारी के समय मामा रामवीर कुशवाह के कहने पर 11 लाख रुपए नकद देकर ये कार संजय सिंह पुत्र बहादुर सिंह कुशवाह के नाम से खरीदी थी। मोबाइल उसने खुद का लिखवा दिया था।