ग्वालियर। भारत का 70 साल का इंतजार आज खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने भारत की सरजमीं पर पहला कदम रखा। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा।
कूनो के टिकटौली गेट से 18 किलोमीटर अंदर 5 हेलिपैड बनाए गए हैं। इनमें से 3 प्रधानमंत्री और उनकी सिक्योरिटी के लिए आए हेलिकॉप्टर के लिए रिजर्व हैं। यहां से 500 मीटर के दायरे में 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच है। इसी मंच के ठीक नीचे 6 फीट के पिंजरे में चीते थे। पीएम ने लीवर के जरिए बॉक्स को खोला।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। वे नेशनल पार्क में आमंत्रित किए गए बच्चों के साथ जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने चीता मित्र दल के सदस्यों से भी बात की। पीएम मोदी आधा घंटे यहां रहेंगे।
चीतों को खास पिंजरों में लाया गया
इसके पहले सुबह 7.55 बजे नामीबिया से स्पेशल चार्टर्ड कारगो फ्लाइट 8 चीतों को भारत लेकर आई। 24 लोगों की टीम के साथ चीते ग्वालियर एयरबेस पर उतरे। यहां उनका रुटीन चेकअप हुआ। चीतों के साथ नामीबिया के वेटरनरी डॉक्टर एना बस्टो भी आए हैं। नामीबिया से चीतों को खास तरह के पिंजरों में लाया गया। लकड़ी के बने इन पिंजरों में हवा के लिए कई गोलाकार छेद किए गए हैं। ग्वालियर एयरबेस से चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया।
एयरपोर्ट पर सीएम ने किया पीएम को रिसीव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो जाने से पहले विशेष विमान से दिल्ली से ग्वालियर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्हें रिसीव किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मप्र के लिए इससे बड़ा कोई तोहफा नहीं। देश में चीते विलुप्त हो गए थे और इन्हें फिर से बसाना एक ऐतिहासिक कदम है। यह इस सदी की सबसे बड़ी वन्यजीव घटना है। इससे मध्यप्रदेश में पर्यटन को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।
सुबह 10.30 बजे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कूनो पहुंचे।
सुबह 10 बजे चिनूक हेलिकॉप्टर से चीतों को यहां लाया गया।
फ्लाइट लेट होने की वजह से यहां ग्वालियर से 10 बजे चीते आ सके।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शुक्रवार देर शाम ही कूनो आ गए थे। वन मंत्री विजय शाह भी आज पहुंच गए हैं।
सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से विशेष विमान से ग्वालियर आए। 5 मिनट रुक कर कूनो के लिए रवाना हुए।
सुबह 9.30 बजे चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया।
सुबह 7.55 बजे स्पेशल चार्टर्ड कारगो फ्लाइट ग्वालियर में इंडियन एयरफोर्स के एयरबेस पर लैंड हुई। शहर के लोगों ने आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की।
चीतों को लेकर आ रही फ्लाइट सुबह 6 बजे ग्वालियर आना थी। नामीबिया से फ्लाइट देरी से उड़ी।
8 चीतों में 2 सगे भाई भी
दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ ने बताया कि भारत आए 8 चीतों में दो सगे भाई हैं। इनकी उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। चीते की औसत उम्र 12 साल होती है।
बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की दुनिया में पहली शिफ्टिंग
बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की शिफ्टिंग की यह दुनिया की पहली परियोजना है। जिन चीतों को पार्क के क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा जाएगा, उन्हें लाने के लिए भारत और नामीबिया सरकार के बीच 20 जुलाई 2022 को एग्रीमेंट हुआ था।
चीतों के स्वभाव के अध्ययन के बाद ही नामकरण किया जाएगा
चीतों का नामकरण उनके स्वभाव का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा। हर एक वन्य प्राणी का अपना स्वभाव होता है। कोई इंसानों को पसंद करता है, तो कई आक्रामक होता है। पार्क के ष्ठस्नह्र प्रकाश कुमार वर्मा का कहना है कि चीतों के लिए उनके केयर टेकर भी नियुक्त किए जाएंगे। सभी केयरटेकर के अनुभव को रिकॉर्ड में लिया जाएगा। इसके बाद नामकरण किया जाएगा। इसमें तीन से पांच महीने तक का वक्त लग सकता है।
ग्वालियर
पीएम मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ा
- 17 Sep 2022